चिन्मयानंद को संत समाज से बाहर करेगा अखाडा परिषद
नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता स्वामी चिन्मयानंद की मुश्किलें और बढ़ती दिखाई दे रही हैं। कानून की एक छात्रा के यौन शोषण से आरोप में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल में बंद स्वामी चिन्मयानंद को अब संत समुदाय बाहर का रास्ता दिखायेगा।
साधू संतों से जुडी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (एबीएपी) ने कहा है कि वह एक छात्रा के यौनशोषण के आरोपी चिन्मयानंद को समुदाय से बाहर करने को तैयार है।
एबीएपी के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने परिषद की बैठक के बाद कहा कि चिन्मयानंद को संत समुदाय से बाहर करने का फैसला किया गया है। उन्होंने कहा, “अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की औपचारिक बैठक 10 अक्टूबर को हरिद्वार में होगी और इस फैसले को मंजूरी मिल जाएगी।”
महंत नरेंद्र गिरि ने आगे कहा, “चिन्मयानंद ने अपने कुकर्मों को स्वीकार कर लिया है और संत समुदाय के लिए इससे ज्यादा शर्मनाक और कुछ नहीं हो सकता।” महंत नरेन्द्र गिरी ने कहा कि जब तक न्यायालय का फैसला नहीं आएगा और निर्दोष साबित नहीं होंगे, तब तक वह संत समाज से बहिष्कृत ही रहेंगे।
गौरतलब है कि 73 वर्षीय चिन्मयानंद वर्तमान में महा निर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर हैं। वह संत समुदाय से बाहर हो जाने के बाद अपने नाम के आगे ‘संत’ या ‘स्वामी’ नहीं लगा पाएंगे।
क्या है मामला:
पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता चिन्मयानंद को बीते शुक्रवार शाहजहांपुर में उनके मुमुक्षु आश्रम से गिरफ्तार किया गया था और 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। 24 अगस्त को छात्रा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर स्वामी चिन्मयानंद पर गंभीर आरोप लगाए थे। इसके बाद छात्रा भूमिगत हो गयी। इस पर सुप्रीमकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए छात्रा को कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए थे।
कोर्ट के निर्देश पर पुलिस ने छात्रा को राजस्थान से बरामद किया और उसे कोर्ट में पेश किया गया। सारे मामले की जानकारी सामने आने के बाद इस मामले में एसआईटी का गठन किया गया। एसआईटी ने स्वामी चिन्मयानंद और छात्रा से अलग अलग पूछताछ की। एसआईटी की पूछताछ में स्वामी चिन्मयानंद ने अपना गुनाह कबूल कर लिया और उन्हें कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया।