ग्राउंड रिपोर्ट: हरियाणा में सिर चढ़कर बोल रहा बेरोज़गारी का मुद्दा

ग्राउंड रिपोर्ट: हरियाणा में सिर चढ़कर बोल रहा बेरोज़गारी का मुद्दा

नई दिल्ली। हरियाणा में 90 विधानसभा सीटों के लिए 21 अक्टूबर को चुनाव होना है। सभी राजनैतिक दलों ने चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झौंक दी है। जहाँ राज्य में सत्तारूढ़ बीजेपी पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री राजनाथ सिंह की सभाएं आयोजित की हैं वहीँ कांग्रेस के लिए पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी प्रचार की अगुवाई कर रहे हैं।

जिस समय विधानसभा चुनाव का एलान हुआ था तब समझा जाता था कि कमज़ोर विपक्ष के चलते सत्तारूढ़ बीजेपी आसानी से सत्ता में वापसी कर सकती है लेकिन जैसे जैसे प्रचार का काम आगे बढ़ा विपक्ष ने हावी होना शुरू कर दिया।

चुनाव प्रचार में जहाँ बीजेपी राज्य सरकार की उपलब्धियों की जगह केंद्र सरकार की उपलब्धियां गिना रही है वहीँ विपक्ष के तरकश में भी तीरो की कमी नहीं है। विपक्षी दल हरियाणा में बढ़ती बेरोज़गारी का मुद्दा जोरशोर से उठा रहे हैं।

नतीजतन हरियाणा चुनाव में बेरोज़गारी का मुद्दा जोर पकड़ रहा है। कांग्रेस सूत्रों की माने तो बेरोज़गारी का मुद्दा बीजेपी के लिए मुश्किलें पैदा करने वाला है। 2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी जिन युवा मतदाताओं के सहारे सत्ता तक पहुंची थी अब वही युवा मतदाता बेरोज़गारी के मुद्दे पर बीजेपी से दूर जा चूका है।

हरियाणा में करनाल, गुड़गांव, मानेसर, फरीदाबाद, हिसार और बल्ल्भगढ़ में ऑटोमोबाइल सेक्टर की कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों की छटनी से बेरोज़गारी बढ़ी है। हालाँकि आर्थिक मंदी के चलते देशभर में ऑटोमोबाइल कंपनियों ने अपने प्रोडक्शन में कमी करने के साथ ही स्टाफ की भी छटनी की है।

जहाँ चुनाव के एलान के समय बीजेपी नेता विपक्ष के पास मुद्दे न होने की बात कह रहे थे वहीँ अब बेरोज़गारी के मुद्दे पर वे जबाव नहीं दे पा रहे हैं। इतना ही नहीं बीजेपी में टिकिट न मिलने से बागी हुए कई नेता पार्टी के खिलाफ प्रचार कर रहे हैं।

हालाँकि बागियों से जूझने के मामले में कांग्रेस भी पीछे नहीं है। हरियाणा में पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर स्वयं कांग्रेस के विरुद्ध प्रचार करने का एलान कर चुके हैं। इसके बावजूद बागियों के मामले में कांग्रेस बीजेपी की तुलना में कहीं अधिक संतुष्ट दिखाई दे रही है।

हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान में अब सिर्फ तीन दिन शेष रह गए हैं। ऐसे में सभी पार्टियां चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झौंकेंगे और चुनाव प्रचार के आखिरी दिन देश के कई बड़े नेता हरियाणा में सभाओं को सम्बोधित करेंगे। देखना है कि बेरोज़गारी का मुद्दा विपक्ष के लिए कितना कारगर साबित होता है।

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TeamDigital