ग्राउंड रिपोर्ट: बीजेपी के हाथ से निकल चुका है चुनाव
नई दिल्ली। कर्नाटक को लेकर बीजेपी नेता भले दावे कुछ भी करें लेकिन ग्राउंड रिपोर्ट उनके दावों से मेल नहीं खाती। एक बड़ी सच्चाई यह है कि कर्नाटक में लाख कोशिशों के बावजूद बीजेपी का हिंदत्व एजेंडा बेअसर साबित हो रहा है।
कर्नाटक में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की छवि और लोकप्रियता कांग्रेस के लिए सुकून देने वाली है। वहीँ राहुल गांधी ने गुजरात की तर्ज पर बीजेपी की घेरबंदी करके फ़िलहाल राज्य को पूरी तरह कांग्रेस के पक्ष में ला खड़ा किया है।
जानकारों की माने तो कर्नाटक में बीजेपी के हिंदुत्व एजेंडे की काट ले लिए कांग्रेस द्वारा बनायीं गयी रणनीति में बीजेपी फंस गयी है। सीएम सिद्धारमैया ने खुद को बीजेपी से ज़्यादा बेहतर हिन्दू बताकर बीजेपी को मुश्किल में लाकर खड़ा कर दिया हैं।
वहीँ सिद्धारमैया हर मंच से बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के दावेदार बीएस येदुरप्पा के पुराने भ्रष्टाचारों का मुद्दा उठा रहे हैं। इतना ही नहीं बीजेपी की बड़ी मुश्किल यह भी है कि उसे हर मंच से कांग्रेस द्वारा लगाए जा रहे आरोपों पर जबाव देना पड़ रहा है।
बीजेपी द्वारा हाल ही में 85 दिनों तक चलने वाली परिवर्तन यात्रा के दौरान बीजेपी नेता अपने भाषणों मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाने की जगह येदुरप्पा को क्लीन चिट देने में अधिक व्यस्त दिखे।
आज की स्थति का आंकलन किया जाए तो साफ़ तौर पर यह कहा जा सकता है कि कर्नाटक में भी कांग्रेस ने बीजेपी के ऊपर गुजरात जैसा मानसिक दबाव बना लिया है। अब देखना है कि क्या चुनाव होने तक बीजेपी इस मानसिक दबाव से खुद को आज़ाद करा पाती है अथवा नहीं।
हाल में हुए एक एक सर्वेक्षण में सामने आया है कि कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया को कर्नाटक में सबसे लोकप्रिय नेता पाया गया। उन्हें 34 फीसद ने मुख्यमंत्री पद के लिए उपयुक्त बताया जबकि बीजेपी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार येदियुरप्पा लोगों की तीसरी पसंद रहे। दूसरी पसंद जनता दल सेकुलर नेता एच डी कुमारस्वामी रहे।
इस सर्वेक्षण के अनुसार सिद्धारमैया के नेतृत्व में 49 फीसद मतों के साथ कांग्रेस की सरकार दोबारा बनने के आसार हैं जबकि बीजेपी को 27 फीसद और जनता दल सेकुलर को 20 फीसद मत मिल सकते हैं।