ग्राउंड रिपोर्ट: गाज़ियाबाद सीट पर भंवर में फंसी है वीके सिंह की नैया

ग्राउंड रिपोर्ट: गाज़ियाबाद सीट पर भंवर में फंसी है वीके सिंह की नैया

नई दिल्ली। लोकसभा चुनावो के पहले चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जिन आठ सीटों पर चुनाव होना है उसमे अधिकांश सीटों पर बीजेपी कड़ी टक्कर में फसी है। 2014 के लोकसभा चुनाव में सभी 8 सीटें जीतने वाली बीजेपी को इस बार लोहे के चने चबाने पड़ रहे हैं।

पहले चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जिन लोकसभा सीटों पर चुनाव होना है उनमे गौतमबुद्ध नगर, गाज़ियाबाद, मेरठ, मुज़फ्फरनगर, बागपत, कैराना, बिजनौर और सहारनपुर शामिल हैं। इनमे बागपत सीट पर केंद्रीय मंत्री सतपाल सिंह, गौतमबुद्ध नगर सीट पर केंद्रीय मंत्री डा महेश शर्मा और गाज़ियाबाद सीट पर केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह चुनाव लड़ रहे हैं।

सभी आठ लोकसभा सीटों से मिली ग्राउंड रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जिन लोकसभा सीटों पर मोदी सरकार के मंत्री चुनाव लड़ रहे हैं वहां इस बार कांटे की टक्कर है। बागपत में सतपाल सिंह, गौतमबुद्ध नगर में डा महेश शर्मा और गाज़ियाबाद में जनरल वीके सिंह के लिए इस जीत को दोहरा पाना आसान नहीं होगा।

गाज़ियाबाद सीट पर केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह को इस बार कड़ी टक्कर मिल रही है। कांग्रेस ने इस बार बेहद चतुराई से डॉली शर्मा को टिकिट देकर गाज़ियाबाद सीट पर बीजेपी के जातीय समीकरण को ध्वस्त कर दिया है।

इस बार न तो बीजेपी के पक्ष में कोई हवा है और न ही कोई ऐसा बड़ा मुद्दा जो बीजेपी के लिए करिश्माई साबित हो सके। इसके विपरीत स्थानीय सांसद होने के बावजूद जनता से दूरी बनाये रखने के लिए मतदाता जनरल वीके सिंह से नाराज़ है। ऐसे में गाज़ियाबाद सीट बचाने के लिए बीजेपी को बहुत मेहनत करनी पड़ सकती है।

2014 के लोकसभा चुनाव में जनरल वीके सिंह को 7.58 लाख से ज्यादा वोट मिले थे। दूसरे नंबर पर कांग्रेस थी जिसके उम्‍मीदवार राज बब्बर को 1.91 लाख वोट मिले थे। तीसरे नंबर पर 1.73 लाख वोटों के साथ बसपा प्रत्याशी और चौथे पर 1.06 लाख वोट के साथ सपा प्रत्याशी थे।

सपा बसपा और रालोद के बीच गठबंधन और उसके बाद कांग्रेस द्वारा ब्राह्मण वर्ग की डॉली शर्मा को टिकिट दिए जाने से जातीय समीकरणों का खेल बिगड़ चूका है।

इस बार जनरल वीके सिंह के सामने कांग्रेस की डॉली शर्मा और सपा-बसपा-रालोद गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में सुरेश बंसल हैं। जहाँ एक तरफ कांग्रेस की डॉली शर्मा बीजेपी के कोर वोटर में सेंधमारी करेंगी वहीँ सपा बसपा और रालोद गठबंधन के उम्मीदवार सुरेश बंसल वैश्य समुदाय से होने के कारण बीजेपी के वैश्य मतदाताओं में बड़ी सेंध लगाते दिख रहे हैं।

बता दें कि डौली शर्मा वर्ष 2017 में गाज़ियाबाद के महापौर (मेयर) पद का चुनाव लड़ चुकी हैं और उन्हें 1 लाख 20 हजार वोट मिले थे। इतने वोट वे तब ले आयीं जब कांग्रेस का कोई बड़ा नेता उनके चुनाव में मदद करने नहीं पहुंचा था। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि डौली शर्मा गाज़ियाबाद लोकसभा सीट पर करीब साढ़े चार लाख ब्राह्मण मतदाताओं में बड़ी सेंधमारी करेंगी।

जानकारों की माने तो 2014 लोकसभा चुनाव में गाज़ियाबाद सीट पर 80 फीसदी से अधिक ब्राह्मण वोट बीजेपी के खाते में गया था लेकिन इस बार यह मुश्किल ही नहीं असम्भव प्रतीत होता है।

वहीँ इस सीट पर दलित, यादव और मुस्लिम मतदाताओं का ध्रुवीकरण बीजेपी के कट्टर हिंदुत्व की धार पर भारी पड़ता दिख रहा है। हिन्दू मतदाताओं के ध्रुवीकरण की कोशिश में 01 अप्रेल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी गाज़ियाबाद में सभा को सम्बोधित कर चुके हैं लेकिन इस बार जनता ने पहले जैसे जोश नहीं दिखाया है।

योगी आदित्यनाथ कोई सभा में भीड़ का न जुटना और आधी से अधिक कुर्सियों का खाली रहना बीजेपी और जनरल वीके सिंह के लिए किसी खतरे की घंटी से कम नहीं है। फिलहाल गाज़ियाबाद लोकसभा सीट का मतदाता खामोश है और उसकी ख़ामोशी मतदान के दिन टूटेगी लेकिन इस खामोशी ने बीजेपी और जनरल वीके सिंह को बेचैन अवश्य कर दिया होगा।

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TeamDigital