गौरक्षा नहीं किसान रक्षा है राष्ट्रवाद, सरकार के झूठे वादों के खिलाफ किसानो का साथ दें युवा

गौरक्षा नहीं किसान रक्षा है राष्ट्रवाद, सरकार के झूठे वादों के खिलाफ किसानो का साथ दें युवा

न्यूयॉर्क। देश में राष्ट्रवाद को लेकर छिड़ी बहस के बीच इंडियन नेशनल ओवरसीज कांग्रेस (आईएनओसी), यूएसए के पूर्व अध्यक्ष जुनेद क़ाज़ी ने कहा है कि असल राष्ट्रवाद गौरक्षा नहीं बल्कि किसान रक्षा है।

उन्होंने कहा कि जो अन्नदाता देश के एकसौतीस करोड़ लोगों का पेट भरने का काम करना है आज उस अन्नदाता को बचाये जाने की आवश्यकता है। न्यूयॉर्क से जारी एक बयान में जुनेद क़ाज़ी ने कहा कि यदि जवान और किसान सुरक्षित नहीं है तो राष्ट्रवाद की बातें करना बेमानी होगा।

कांग्रेस नेता ने कहा कि देश में जहाँ एक तरफ किसान आत्म हत्या करने को विवश है वहीँ युवाओं को रोज़गार नहीं मिल रहा। उन्होंने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने किसानो को फसल की उचित कीमत दिलाने और युवाओं को रोज़गार देने की बात कही थी। इतना ही नहीं पीएम मोदी ने स्वयं एक चुनावी मंच से काला धन वापस आने पर प्रत्येक व्यक्ति को 15 लाख रुपये देने की बात भी कही थी।

जुनेद क़ाज़ी ने कहा कि मोदी सरकार के झूठे वादो के खिलाफ लड़ रहे देश के किसानो के समर्थन में युवाओं को आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब देश के जवान और किसान खुश होंगे तभी असल राष्ट्रवाद स्थापित हो सकेगा।

उन्होंने आह्वान किया कि देश के युवा किसानो के साथ जुड़ें, उनके दुःख दर्दो को समझें और सरकार के झूठे वादों को बेनकाब करने के लिए आगे आएं। कांग्रेस नेता ने मंदसौर जाते समय कल कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी को हिरासत में लिए जाने की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि सरकार अपने खिलाफ उठ रही आवाज़ों को ताकत के बल पर दबाना चाहती है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि आज समय आ गया है कि झूठे वादे करने वाली सरकार को बेनकाब किया जाए और किसानो के उत्पीड़न को रोकने के लिए एकजुटता से काम किया जाए। जुनेद क़ाज़ी ने कहा कि केंद्र सरकार सिर्फ विज्ञापनों के दम पर गुड़ वर्क दिखाना चाहती है लेकिन अब धीमे धीमे देश की जनता को सच्चाई समझ आ रही है।

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TeamDigital