गोवा में सियासी उठापटक के बीच कांग्रेस ने पेश किया सरकार बनाने का दावा

गोवा में सियासी उठापटक के बीच कांग्रेस ने पेश किया सरकार बनाने का दावा

पणजी। गोवा में मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के स्वास्थ्य कारणों से राज्य सरकार में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच सियासी उठापटक शुरू हो गयी है। इस बीच कांग्रेस ने राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है।

आज सुबह कांग्रेस के कई विधायक सरकार बनाने की मांग के साथ राज्यपाल मृदुला सिन्हा के पास राज भवन पहुंचे। लेकिन उनकी मुलाकात गवर्नर से नहीं हो सकी है। इसलिए वह राजभवन में एक चिट्ठी सौंप आए हैं।

प्रदेश कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष चंद्रकात कावलेकर ने कहा कि राज्य में 18 महीने के अंदर ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो सके कि चुनाव हो इसलिए ऐसी किसी भी परिस्थिती से निपटने के लिए हमने राज्यपाल को दो मेमोरेंडम सौंपा है। उन्होंने कहा कि राज्य की जनता ने हमें पांच साल के लिए चुना है। अगर मौजूदा सरकार ठीक से काम नहीं कर पा रही है तो हमें सरकार बनाने का मौका मिलना चाहिए।

कावलेकर ने कहा कि हम राज्य की सबसे बड़ी पार्टी हैं। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि देखिए आज सरकार किस तरह से काम कर रही है। प्रदेश में राज्य सरकार होते हुए भी न के बराबर है। हमारे पास सरकार बनाने की संख्या है इसलिए हम सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं। कल यहां गवर्नर होंगी इसलिए हम यह दावा कर रहे हैं।

गौरतलब है कि गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का इलाज अब दिल्ली के एम्स में हो रहा है। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से बतौर मुख्यमंत्री सरकार का कामकाज न कर पाने के लिए बीजेपी आलाकमान को अपनी जगह नया मुख्यमंत्री नयुक्त करने का सुझाव दिया था।

क्या है विधानसभा की स्थति:

गोवा विधानसभा में 40 विधानसभा सीटें हैं। बीजेपी सरकार के पास बीजेपी के पास 14 सीटें हैं लेकिन निर्दलीय और अन्य पार्टियों के समर्थन से विधानसभा में उसे 24 विधायकों का समर्थन हासिल हैं जो सरकार बनाने के लिए जरूरी 21 सीटों से 3 सीटें ज्यादा हैं। गोवा में भारतीय जनता पार्टी ने महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी, गोवा फॉरवर्ड पार्टी और निर्दलीयों के साथ मिलकर सरकार का गठन किया है।

वहीँ कांग्रेस गोवा 16 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है। बीजेपी द्वारा सहयोगी दलों को पार्टी में विलय करने के आग्रह के बाद बाद राजनैतिक उठापटक शुरू हो गयी है। स्थानीय दल बीजेपी में विलय करने को तैयार नहीं है। इसके पीछे अहम कारण बीजेपी में विलय के बाद उनकी पहचान खत्म होना है।

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TeamDigital