गुलबर्ग सोसायटी केस के नंबर वन आरोपी ने किया सरेंडर
अहमदाबाद । साल 2002 के गुलबर्ग सोसायटी नरसंहार मामले में दोषी कैलाश धोबी ने आज विशेष एसआईटी अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। पिछले साल दिसंबर में उसे अस्थायी जमानत दी गयी थी जिसकी मियाद खत्म हो गयी थी और उसके बाद से वो फरार था।
कैलाश धोबी गुलबर्ग सोसायटी मामले में हत्या और अन्य जघन्य अपराधों के लिए दोषी ठहराये गये 11 लोगों में से एक है। इस मामले में एसआईटी ने उसे आरोपी नंबर एक बनाया है। साल 2002 के इस मामले में पूर्व कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी समेत 69 लोगों की मौत हो गयी थी।
विशेष लोक अभियोजक आर सी कोडेकर ने बताया कि जमानत अवधि समाप्त होने के बाद से कैलाश धोबी गिरफ्तारी से बच रहा था। आरोपी नंबर एक के रूप में उसका नाम दर्ज है और उसे हत्या और आन्य आरोपों में दोषी ठहराया गया है। आज उसने विशेष एसआईटी जज पी बी देसाई के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। अदालत ने दोषी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
विशेष एसआईटी अदालत ने आज कहा कि वह गुलबर्ग सोसायटी मामले में दोषी ठहराये गये 24 लोगों को शुक्रवार को सजा सुनायेगा। धोबी को वर्ष 2002 में गिरफ्तार किया गया था और वह लगभग 14 वर्षों तक जेल में बंद था। उसे पिछले वर्ष दिसंबर में हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य के आधार पर अस्थायी जमानत दी थी और उसके बाद दो बार जमानत अवधि बढ़ायी भी गयी। इसके बाद जमानत शर्तों के अनुसार उसे इस वर्ष 29 जनवरी को जेल अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण करना था क्योंकि 25 जनवरी को तीसरी बार जमानत अवधि बढ़ाने के लिए दायर की गयी उसकी याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी।