गुजरात दंगा: पीएम मोदी को एसआईटी की क्लीनचिट सही या गलत पर सुनवाई टली

गुजरात दंगा: पीएम मोदी को एसआईटी की क्लीनचिट सही या गलत पर सुनवाई टली

नई दिल्ली। वर्ष 2002 में गुजरात में हुए सांप्रदायिक दंगो में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका को एसआईटी द्वारा क्लीनचिट दिए जाने के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट में दाखिल ज़किया जाफरी की याचिका पर आज कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी।

पूर्व कांग्रेस सांसद अहसान जाफरी की पत्नी ज़ाकिया जाफरी द्वारा यह याचिका सुप्रीमकोर्ट में दाखिल की गयी रही। इस याचिका में गुजरात दंगो में तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी की दंगो में भूमिका को एसआईटी द्वारा क्लीन चिट दिए जाने को चुनौती दी गयी है।

इससे पहले 13 नवंबर को हुई सुनवाई में सर्वोच्च अदालत ने इस याचिका को मंजूर किया था। मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट जस्टिस ए. एम खानविलकर और दीपक गुप्ता नेएसआईटी रिपोर्ट का अध्ययन करने की बात कही थी।

गौरतलब है कि 2008 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित SIT ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य लोगों को क्लीन चिट दी थी। जिसके बाद इस मामले में उनके खिलाफ कोई पुख्तासबूत ना होने की बात कही थी।

अब इस मामले में 26 नवंबर तक सुनवाई टल गयी है। 2002 में सांप्रदायिक दंगो के दौरान गुलबर्ग सोसयटी पर दंगाइयों ने धावा बोलकर कांग्रेस के पूर्व सांसद अहसान जाफरी की बेरहमी से जान ले ली थी।

गुजरात दंगे के मामले में गुजरात हाइकोर्ट ने एक वर्ष पहले जाफरी की याचिका को खारिज कर दिया था। गुजरात हाईकोर्ट ने जाकिया से कहा है कि वो चाहें तो सुप्रीम कोर्ट भी जा सकती हैं।

इसके बाद ज़किया जाफरी ने सुप्रीमकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य को एसआईटी की ओर से दी गई क्लीनचिट को जाकिया जाफरी ने चुनौती दी थी। इस मामले पर अब सर्वोच्च न्यायालय 19 नवंबर को सुनवाई के लिए तैयार हो गया था।

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TeamDigital