गायो के लिए शुरू हुई एम्बुलेंस सेवा, कल एम्बुलेंस न मिलने पर कंधे पर बेटे का शव लाया था पिता
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में दो अलग अलग मामलो में सरकार के दो चेहरे सामने आये हैं। बीते सोमवार को जहाँ सरकार ने गायो के लिए एम्बुलेंस सेवा शुरू की वहीँ कल ही इटावा में एक पिता को एम्बुलेंस न मिलने के चलते अपने बेटे के शव को कंधे पर रखकर लाना पड़ा था।
सोमवार को ‘गौवंश चिकित्सा मोबाइल वैन्स’ नाम की इस सेवा को उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सोमवार को हरी झंडी दिखाई। ये एम्बुलेंस बीमार व घायल गायों को ‘गौशालाओं’ या पशु चिकित्सकों के पास ले जाएंगी। इसके अलावा एक ‘गौ सेवा टोल-फ्री’ नंबर भी जारी किया गया है, जिससे आम नागरिक गायों की मदद कर सके। एम्बुलेंस में एक पशु-चिकित्सक के साथ एक असिस्टेंट मौजूद रहेगा। मौर्य ने अपने आधिकारिक आवास से पांच ऐसी एम्बुलेंस को हरी झंडी दिखाई।
वहीँ दूसरे एक मामले में इटावा में अपने बेटे का शव ले जाने के लिए एम्बुलेंस की राह देखते देखते थके एक पिता को अपने बेटे का शव कंधे पर रखकर ले जाना पड़ा। मामला इटावा के भीमराव अंबेडकर संयुक्त चिकित्सालय का है।
सिविल लाइन थाना क्षेत्र के विक्रमपुरा गांव का रहने वाला उदयवीर अपने 14 वर्षीय पुत्र पुष्पेंद्र को लेकर जिला अस्पताल पहुंचा था। उदयवीर ईंट भट्ठे पर मुनीम है। उसके पुत्र के पेट में दो दिन से दर्द हो रहा था। जब वह अस्पताल में इमरजेंसी में तैनात डाक्टर पीयूष त्रिपाठी के पास पहुंचा तो उन्होंने उसे देखकर बताया कि इसकी मौत हो चुकी है। उसके हार्ट व फेफड़े काम नहीं कर रहे थे।
डाक्टर को दिखाने के बाद उदयवीर अपने पुत्र को कंधे पर लादकर अस्पताल परिसर के बाहर ले आया। उसे एंबुलेंस की सुविधा अपने पुत्र को घर ले जाने के लिए नहीं दी गई। वह अकेला ही अपने पुत्र को अस्पताल के बाहर लाया और टेंपो में लादकर उसे अपने गांव ले गया।