खुदरा के बाद थोक महंगाई दर में भी बढ़ोत्तरी, पिछले वर्ष के मुकाबले हुई दोगुनी
नई दिल्ली। जहाँ देश में एक तरफ आम आदमी पर पेट्रोल डीजल की बढ़ी हुई कीमतों की मार पड़ रही है वहीँ अब थोक महंगाई दर में बढ़ोत्तरी के बाद आम खाने पीने की चीज़ो के दाम बढ़ने की आशंका बढ़ गयी है।
खुदरा महंगाई दर में बढ़ोत्तरी के बाद अब थोक महंगाई दर में भी बढ़ोत्तरी हुई है। केंद्र सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक यह पिछले साल के मुकाबले दोगुने स्तर पर पहुंच गई है।
बुलेटिन के अनुसार थोक महंगाई दर इस वर्ष मई में यह 4.43 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई, जो कि अप्रैल में 3.18 फीसदी थी। वहीं पिछले साल मई में यह दर 2.26 फीसदी थी।
इससे पहले, केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक मई महीने में खुदरा महंगाई बढ़कर 4.87 फीसदी हो गई, जो पिछले चार महीनों में सबसे अधिक है।अप्रैल में खुदरा महंगाई दर 4.58 फीसदी थी।
ईंधन की कीमतों के अलावा मई महीने में सब्जियों और दालों की कीमतों में हुई बेतहाशा बढ़ोतरी की वजह से महंगाई में बढ़ी है। मई महीने में सब्जियों से जुड़ी महंगाई दर 7.29 फीसदी से बढ़कर 8.4 फीसदी हो गई। वहीं दालों की महंगाई दर 2.56 फीसदी से बढ़कर 2.78 फीसदी रही।
जबकि खाद्य महंगाई दर मई महीने में 2.8 फीसदी से बढ़कर 3.1 फीसदी रही है। अप्रैल महीने में अनाज, मीट, मछली और फलों की कीमत बढ़ने के चलते खुदरा महंगाई दर बढ़कर 4.58 फीसदी हो गयी थी, जबकि मार्च में यह 4.28 फीसदी रही थी। मासिक आधार पर अप्रैल में खाद्य महंगाई दर 2.81 फीसदी से घटकर 2.80 फीसदी पर आ गई थी।
महंगाई बढ़ने की आशंका:
इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने जून के पहले हफ्ते में हुई मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक में रेपो रेट को बढ़ाकर 6.25 फीसदी कर दिया था। बढ़ती महंगाई और अर्थव्यवस्था के सामने खड़ी चुनौतियों की वजह से आरबीआई ने यह फैसला लिया था।
आरबीआई ने महंगाई के 4.8 से 4.9 फीसदी के बीच रहने का अनुमान लगाया है। आरबीआई को खुदरा महंगाई दर को चार फीसदी के आसपास रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है, लेकिन पिछले चार महीनों के दौरान महंगाई दर इस लक्ष्य से अधिक रही है। खुदरा महंगाई दर के ताजा आंकड़े आने से पहले ब्लूमबर्ग के इकोनॉमिस्ट पोल में इसके 4.9 फीसदी के करीब रहने का अनुमान लगाया गया था।