खडके बोले ‘पूरा पैराग्राफ टाईपिंग एरर नहीं हो सकता”
नई दिल्ली। राफेल डील को लेकर कांग्रेस ने एक बार फिर जेपीसी द्वारा जांच कराये जाने की मांग उठाई है। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खडके ने कहा कि इस मामले में हमे जानने को तभी मिलेगा जब संसदीय कमेटी के सदस्य बैठेंगे और फाइलों को देखेंगे।
उन्होंने कहा कि यह एक शब्द नहीं था जिसे टाइपिंग एरर माना जा सके। ये पूरा पेराग्राफ है इसे टाइपिंग एरर कैसे माना जा सकता है। उन्होंने कहा कि राफेल पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला गलत तथ्यों पर आधारित है।
खडके ने कहा कि हम जेपीसी चाहते हैं क्योंकि जब संसद के सदस्य बैठेंगे और देखेंगे तो हमें सब कुछ पता चला जाएगा। जेपीसी का गठन बोफोर्स और टूजी में भी किया गया था।
गौरतलब है कि इससे पहले खड़गे ने आरोप लगाया था कि सरकार ने कोर्ट के समक्ष कैग रिपोर्ट तौर पर गलत जानकारी रखी जिस वजह से इस तरह का फैसला आया है।
उन्होंने कहा था कि राफेल के बारे में कोर्ट के सामने सरकार को जिन चीजों को ठीक ढंग से रखना चाहिए था, वो नहीं रखा। अटॉर्नी जनरल ने इस तरह से पक्ष रखा कि कोर्ट को यह महसूस हुआ कि कैग रिपोर्ट संसद में पेश हो गई है और पीएसी ने रिपोर्ट ने देख ली है। जेपीसी जांच करेगी तो सारी चीजें सामने आ जाएंगे और इससे कम पर कांग्रेस तैयार नहीं है।
वहीँ राफेल मुद्दे पर अब सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस नई रणनीति बना रही है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक सरकार को संसद से सड़क तक घेरने के लिए और सच्चाई जनता के सामने लाने के लिए कांग्रेस देशभर में सड़क पर उतरने कोई तैयारी कर रही है।
दूसरी तरफ संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान कांग्रेस के सदस्य संसद के दोनों सदनों में राफेल डील पर जेपीसी की मांग उठाते रहेंगे।
पार्टी सूत्रों की माने तो कांग्रेस देश के सभी राज्यों की राजधानी में जल्दी ही अपने प्रवक्ता भेजकर प्रेस कॉन्फ्रेंसों के आयोजन को हरी झंडी दे सकती है।
इतना ही नहीं राफेल डील की जेपीसी से जांच कराये जाने के लिए लड़ाई को ज़मीन तक ले जाने के लिए जिला मुख्यालयों पर धरने और प्रदर्शनों का आयोजन भी कर सकती है।