क्या जम्मू कश्मीर में हॉर्स ट्रेंडिंग के सहारे सरकार बनाने की सोच रही बीजेपी ?
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू किया गया है लेकिन विधानसभा भंग नहीं की गयी है। ऐसे में यदि राज्यपाल के पास राज्य में सरकार बनाने का दावा लेकर जाने के लिए दरवाज़े खुले रखे गए हैं।
राज्य में बीजेपी के विधायकों की संख्या 25 है जबकि बहुमत के लिए ज़रूरी आंकड़ा प्राप्त करने के लिए 44 विधायक चाहिए। इस लिहाज से बीजेपी के पास सरकार बनाने के लिए 19 विधायकों की तादाद कम है। इतनी बड़ी तादाद में दलबदल होना आसान नहीं होगा।
जम्मू कश्मीर में हॉर्स ट्रेडिंग की सम्भावना खुद बीजेपी नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व उप मुख्यमंत्री कवीन्द्र गुप्ता के बयान से पैदा हुईं हैं। कवींद्र गुप्ता ने जम्मू कश्मीर ने नई सरकार की संभावनाओं को लेकर कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में कोई भी नयी सरकार अभी बनेगी ऐसा लगता तो नहीं है. प्रदेश में अनिश्चिंतता का माहौल है लेकिन हम कुछ करेंगे जिसकी जानकारी लोगों को मिल जायेगी।
कवींद्र गुप्ता की इसी टिप्पणी पर उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया -आपके इस हम कुछ कर रहे हैं का क्या आशय है. क्या कुछ कर रहे हैं का आशय पार्टियों को तोड़ने से है, ताकि भाजपा की सरकार बन सके. उमर ने राज्यपाल से मांग की कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा को तुरंत बर्खास्त किया जाये और यहां फ्रेश इलेक्शन कराये जायें।
इससे पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर विधानसभा भंग न किये जाने पर बीजेपी की मंशा पर सवाल उठाये। उमर अब्दुल्ला ने तुरंत विधानसभा भंग कर राज्य में नए चुनाव कराये जाने की मांग की।
हॉर्स ट्रेडिंग की संभावनाओं पर सफाई देते हुए जम्मू-कश्मीर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना ने कहा कि हॉर्स ट्रेडिंग हम नहीं वे कर रहे हैं, जो इसकी बात कर रहे हैं. हमारा इससे कोई लेना-देना नहीं है.
उन्होंने मौके पर यह भी जानकारी दी कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस 23 जून को एक बड़ी सभा का आयोजन श्रीनगर में किया जायेगा। उन्होंने बताया कि इस दिन भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह रैली को संबोधित करेंगे।
क्या है विधानसभा का गणित:
87 विधायकों वाली जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा में सबसे ज्यादा 28 विधायक महबूबा मुफ्ती की पीडीपी के पास हैं। जबकि मोदी लहर में भाजपा ने 25 सीटें जीतने में कामयाबी हासिल की थी। नेशनल कांफ्रेंस के पास 15 और कांग्रेस के पास 12 विधायक हैं। इनके अलावा जम्मू एंड कश्मीर पीपल्स कांफ्रेंस के दो, तीन निर्दलीय और पीपल्स डेमोक्रेटिक फंट व सीपीएम का एक-एक विधायक है।
यानी अगर कांग्रेस या नेशनल कांफ्रेंस में से कोई एक पार्टी और बाकी सभी छोटी पार्टियां और निर्दलीय पीडीपी को समर्थन दें तो सरकार बन सकती है। हालांकि, राज्य के मौजूदा सियासी हालत में पीडीपी को बाकी दलों का समर्थन मिलने की गुंजाइश बेहद कम नजर आ रही है।