कौन है बेवफा : अंतिम संस्कार के लिए भी नही दिए बैंक ने पैसे
नोएडा । कानून बनाये जाते हैं हक और इन्साफ दिलाने के लिए लेकिन नोटबंदी में कई बार देखा गया कि इंसान को अपनी मेहनत की कमाई के पैसे को बैंक से निकालने के लिए गिड़गिड़ाना पड़ रहा है। बड़े लोग बैंक के पिछले दरवाज़ों से अपने पैसे ले जा रहे हैं, गरीब आदमी को लाइन में लगने के बाद भी पैसे नही मिल पा रहे हैं ।
ऐसा ही एक मामला नोएडा में प्रकाश में आया । जहाँ एक व्यक्ति को अंतिम संस्कार करने के लिए भी बैंक ने पैसे नही दिए । सेक्टर-9 में महिला के देहांत होने पर उनके क्रियाकर्म के लिए बैंक ऑफ इंडिया (बीओआई) ने पहले रुपये देने में असमर्थता जता दी। जब कि बैंक में पीड़ितों के तीन बैंक खाते थे। इसमें करीब 16 हजार रुपये जमा था।
सेक्टर-9 में सी ब्लॉक के सामने झुग्गी में मुन्नी लाल अपने परिवार के साथ रहता है। वह उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के मुरेखा कस्बे के खंता गांव के रहने वाले हैं। उनकी पत्नी फूलवती देवी (61) का सेक्टर-24 ईएसआईसी अस्पताल में उपचार चल रहा था। स्थिति बिगड़ने पर मरीज को सेक्टर-29 निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां सोमवार दोपहर को महिला का निधन हो गया।
मुन्नी लाल के पास अस्पताल से घर तक शव लाने के लिए एम्बुलेंस का किराया देने तक नहीं था। अस्पताल प्रबंधन ने मुन्नी लाल की स्थिति देख बिना शुल्क लिए एम्बुलेंस से शव को उनके घर पहुंचाया। फिर मंगलवार सुबह को उनका बेटा यमना प्रसाद पास के बैंक ऑफ इंडिया में रुपये निकालने गया। बैंक में यमना प्रसाद, मुन्नी लाल व फूलवती देवी का जनधन का बैंक खाते हैं। यमना प्रसाद बैंक अधिकारियों ने शव के क्रियाकर्म के लिए खाते से रुपये निकालने के लिए निवेदन करता रहा, लेकिन बैंक अधिकारियों ने रुपये नहीं होने का हवाला देकर चलता कर दिया। पीड़ित की स्थिति देख उपनिरीक्षक दलीप सिंह बिष्ट ने अपने जेब से दो हजार रुपये दे दिए।
बैंक में तैनात उप निरीक्षक दलीप सिंह बिष्ट ने पीड़ित की स्थिति देख शव के क्रियाकर्म के लिए पीड़ित को दो हजार रुपये दिए। दलीप सिंह सेक्टर-11 झुंडपुरा चौकी प्रभारी है। दलीप सिंह ने बताया कि उनके पास मात्र दो ही हजार रुपये थे, वे उन्होंने पीड़ित को दे दिए।
सिटी मजिस्ट्रेट रामानुज सिंह ने बताया कि मंगलवार को बैंक में सुबह के समय कोई रुपये नहीं आए थे। रजिस्ट्रर जांच के बाद यह तथ्य सामने आए। इस कारण बैंक में आए किसी भी व्यक्ति को सुबह के समय रुपये नहीं दिए गए। दोपहर दो बजे सेक्टर-62 बैंक शाखा से दो लाख रुपये मंगवाएं गए। फिर 15 हजार रुपये पीड़ित को दिलवाए गए।