कौन है अल्पेश ठाकुर, जिनके कांग्रेस में शामिल होने से बदले गुजरात के समीकरण
नई दिल्ली। गुजरात में मतदाताओं का एक बड़ा वर्ग ओबीसी वर्ग का प्रतिनिधित्व करता हैं। ज़ाहिर है गुजरात में राजनैतिक दलों को सत्ता तक पहुंचाने में ओबीसी वर्ग के मतदाताओं की बड़ी भूमिका होती है।
गुजरात में ओबीसी वर्ग को नेतृत्व देकर उसे एकजुट करने का काम करने में अल्पेश ठाकुर की बड़ी भूमिका को नकारा नहीं जा सकता। अल्पेश ठाकुर ने ओबीसी वर्ग के लोगों में अपनी पहचान एक नेता के तौर पर नहीं बल्कि एक सामाजिक कार्यकर्त्ता के तौर पर स्थापित की। उन्होंने समाज में फैली की बुराइयों के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद की।
इतना ही नहीं अल्पेश ठाकुर ने गुजरात ओबीसी एकता मंच के गठन से लेकर उसे पहचान दिलवाने तक जमकर संघर्ष किया। उन्होंने राज्य में मादक पदार्थ के लत से छुटकारा दिलाने के लिये सक्रियता से काम किया है। अल्पेश ठाकुर देसी शराब से होने वाले नुक़सान के चलते शराबबंदी के पक्षधर रहे हैं।
अल्पेश ठाकुर ने पाटीदारो को आरक्षण दिए जाने की मांग का विरोध किया था और समांतर आंदोलन भी चलाया था। वे गुजरात में बीजेपी के विकास के दावों को नकारते रहे हैं। वे अलग अलग मंचो से बीजेपी के विकास के दावे को झूठ और ढकोसला करार देते आये हैं।
अल्पेश ठाकोर के कांग्रेस के साथ आने के बाद गुजरात में कांग्रेस की स्थिति मजबूत होती नज़र आ रही है। अल्पेश ठाकुर गांधी नगर में 23 अक्टूबर को बड़ी रैली करने जा रहे हैं। इसमें कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी भाग लेंगे और इसी रैली के मंच से अल्पेश कांग्रेस में शामिल होने का एलान करेंगे।
अल्पेश ठाकुर ने कहा कि सोमवार को होने वाली रैली अभूतपूर्व होगी। उन्होंने दावा किया कि पहले किसी रैली में इतनी भीड़ नहीं देखी होगी। उन्होंने कहा कि इस रैली में 5 लाख से अधिक लोग भाग लेंगे।
अल्पेश ठाकुर ने शनिवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात के बाद कांग्रेस में शामिल होने का एलान किया है। उनके कांग्रेस का हाथ थामने के बाद गुजरात के समीकरण पूरी तरह बदल गए हैं। पहले पाटीदारो की नाराज़गी और अब ओबीसी मतों का हाथ से खिसकना बीजेपी के लिए गुजरात चुनावो में बड़ा झटका बन सकता है।