कोर्ट ने एनआईए से कहा ‘आपके रिपोर्ट में लिख देने से नहीं मिल जाएगी क्लीन चिट’
नई दिल्ली । अजमेर दरगाह ब्लास्ट मामले में एनआईए द्वारा आरोपी संघ नेता इंद्रेश कुमार और साध्वी प्रज्ञा को कोर्ट में क्लीन चिट दिए जाने पर कोर्ट ने सख्त लहजा अपनाते हुए जाँच एजेंसी एनआईए से कहा कि आपके रिपोर्ट में लिख देने से क्लीन चिट नहीं मिल जाएगी। कोर्ट ने साफ़ कहा कि जांच एजेंसी पहले क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करे उसके बाद क्लीन चिट पर किसी तरह की बात की जा सकती है।
एनआईए कोर्ट ने सोमवार को जांच एजेंसी की उस रिपोर्ट पर कई सवाल खड़े किए जिसमे एनआईए ने साध्वी प्रज्ञा और आरएसएस प्रचारक इंद्रेश कुमार को अजमेर ब्लास्ट मामले में क्लीन चिट दे दी है।
एनआईए कोर्ट में सोमवार को अंतिम रिपोर्ट पेश कर दी। इस रिपोर्ट में एनआईए ने साध्वी प्रज्ञा और आरएसएस प्रचारक इंद्रेश कुमार को क्लीन चिट दी है। अब कोर्ट इस रिपोर्ट पर सुनवाई 17 अप्रैल को करेगी, जिसमें तय करेगी कि इस रिपोर्ट का क्या करना है। कोर्ट ने इस मामले में दो दोषियों को उम्रकैद की सजा सुना चुका है।
अब कोर्ट इस रिपोर्ट पर 17 अप्रैल को सुनवाई की तारीख दी है। बता दें कि बेस्ट बेकरी कांड के आरोपी रमेश और जयंती दास की मौत पहले ही जेल में हो चुकी है। कोर्ट ने एनआईए के डायरेक्टर समेत कोझीको के कलेक्टर और इंदौर आईजी को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
एनआईए डायरेक्टर से कोर्ट ने पूछा है कि संदीप डांगे और रामचंद कालसांगरा और सुरेश नायर जैसे भगोड़े अभियुक्तों को पकड़ने के लिए अभी तक क्या किया गया है इसकी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की जाए।
कोर्ट ने इंदौर आईजी और कोझीकोड के कलेक्टर को नोटिस जारी करते हुए नाराजगी जताई है कि भगोड़े आरोपी रामंचंद कालसांगरा और सुरेश नायर की संपत्तियों का ब्योरा कोर्ट को क्यों नहीं सौंपा जा सका है।
गौरतलब है कि अजमेर बलास्ट मामले में जयपुर की एनआईए कोर्ट ने तीन लोगों सुनील जोशी, देवेंद्र और भवेश पटेल को दोषी माना था. इसमें से सुनील जोशी की मौत हो गई है जबकि देवेंद्र और भवेश पटेल को उम्रकैद की सजा हुई है।