केजरीवाल के समर्थन में आये 4 राज्यों के सीएम, मोदी सरकार पर दबाव बढ़ा

नई दिल्ली। नीति आयोग की बैठक में भाग लेने दिल्ली पहुंचे पांच राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने दिल्ली में राज्य सरकार और उपराज्यपाल के बीच चल रही उठपटक के लिए केंद्र सरकार पर हमला बोला है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमार स्वामी आदि ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल को पत्र लिखकर समय माँगा था लेकिन उन्हें समय नहीं दिया गया।
इसके बाद चार राज्यों के मुख्यमंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार पर निशाना साधा और दिल्ली में चल रही उठापटक के लिए मोदी सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया।
दूसरी तरफ राष्ट्रीय लोकदल, राष्ट्रीय जनता दल, तृणमूल कांग्रेस, तेलगुदेशम पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल का समर्थन करने से अब कांग्रेस पर भी विपक्षी एकता को बनाये रखने के लिए आम आदमी पार्टी का समर्थन करने का दबाव बन रहा है।
ममता ने कहा, ‘मैं दिल्ली की मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलना चाहती थी, लेकिन मुझे इजाजत नहीं दी गई। मुख्यमंत्रियों को मिलने नहीं देना लोकतंत्र की हत्या है। मुलाकात की इजाजत नहीं मिलने पर हम चारो मुख्यमंत्रियों ने एलजी को पत्र लिखा, लेकिन बताया गया कि एलजी भी नहीं हैं। हमने इतनी देर इंतजार किया और हमें मिलने की इजाजत नहीं मिली।’
मीडिया को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि दिल्ली में संवैधानिक संकट पैदा हो गया है. एलजी ने मिलने का वक्त नहीं दिया, तो किसके पास जाएं? ये समस्या किसी के भी साथ हो सकती है। चार महीने से दिल्ली का काम बंद पड़ा है। अगर यही हाल रहा, तो चुनी हुई सरकारों का भविष्य क्या होगा? हमने तीन-चार घंटे तक इंतजार किया, लेकिन उप राज्यपाल ने मिलने का समय नहीं दिया।
फ़िलहाल दिल्ली के बहाने एक बार फिर गैर बीजेपी दल एक हो रहे हैं। देखना है कि विपक्ष की इस एकता में कांग्रेस शामिल होती है अथवा नहीं। हालाँकि पहले ऐसी ख़बरें आती रही हैं कि दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच 2019 के आम चुनावो को लेकर गठबंधन की बात हुई है।