केंद्र सरकार ने की गोशालाओं के बजट में बड़ी कटौती
नई दिल्ली। जहाँ एक तरफ आरएसएस और बीजेपी गौ रक्षा को अपनी प्राथमिकता का हिस्सा बताते रहे हैं वहीँ एक सच्चाई यह भी है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने गौशालाओं के बजट में बड़ी कटौती कर दी है।
इस मामले में वन और पर्यावरण मंत्रालय के पशु कल्याण बोर्ड के एक वरिष्ठ सदस्य की लिखी चिट्ठी से खुलासा हुआ है कि केंद्र सरकार ने गोरक्षा और संवर्द्धन के बजट में भारी कटौती की है । बोर्ड के सदस्य एनजी जयसिम्हा ने देश भर की 3500 गोशालाओं को पत्र लिखकर मौजूदा केंद्र सरकार की एक नीति पर आपत्ति जताई है।
उन्होंने दावा किया है कि गोशालाओं को आवंटित फंड में बेतहाशा कटौती की गई है। ऐसे में जिस सरकार में गाय एक बहुत बड़ा मुद्दा बनी हुई है उस सरकार की मंशा पर सवालिया निशान लग रहे हैं।
वहीँ केंद्र सरकार की तरफ से लगातार ये दावे होते रहे हैं कि वह गो पालन को बढ़ावा देने की कई योजनाओं पर काम कर रही है। इतना ही नहीं देसी गायों की बेहतरीन नस्ल पालने वाले किसानों और गोशालाओं को नकद इनाम देने से लेकर नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर से भरपूर एसएमएस भेजने तक कई बड़े कदम उठाये गए हैं।
पशुधन और मत्स्य विभाग के के सचिव देवेंद्र चौधरी के अनुसार, देसी नस्ल की गाय के बेहतर पालन के लिए पांच लाख नकद इनाम दिया जाएगा। नवंबर में राष्ट्रीय दुग्ध दिवस पर पांच लाख, तीन लाख और एक लाख रुपए के कुल 30 पुरस्कार दिए जाएंगे।
वहीँ एनजी जयसिम्हा के अनुसार, केंद्र की मौजूदा सरकार ने गोशालाओं में देखभाल के बजट में 50 फीसद से ज्यादा की कटौती कर दी है। सरकार ने एंबुलेंस अनुदान, गो आश्रय कोष, नियमित अनुदान, गो तस्करी पर रोक लगाने के लिए निर्धारित फंड, प्राकृतिक आपदा के मद में पशु कल्याण बोर्ड को महज सात करोड़ 84 लाख 85 हजार रुपए का बजट दिया है।
यह पिछले वर्ष के 12 करोड़ 74 हजार रुपए के मुकाबले बेहद कम है। 1वर्ष 2013-14 में यह बजट 12 करोड़ 99 लाख रुपए का था। यूपीए सरकार ने वर्ष 2012-13 में 16 करोड़ छह लाख रुपए और 2011-12 में 21 करोड़ 77 लाख रुपए दिए थे।