केंद्र सरकार के आधार को दीदी की सुप्रीमकोर्ट में चुनौती

केंद्र सरकार के आधार को दीदी की सुप्रीमकोर्ट में चुनौती

नई दिल्ली। आधार की अनिवार्यता को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे सुप्रीमकोर्ट में चुनौती दी है। ममता बनर्जी की याचिका पर सोमवार को सुनवाई होने की सम्भावना है।

इससे पहले बुधवार को कोलकाता के नजरूल मंच में पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि वे अपने मोबाईल नंबर को आधार से लिंक नहीं करेंगी भले ही उनका मोबाईल नंबर बंद ही क्यों न हो जाए। मुख्यमंत्री ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि वे उनकी इस मुहिम में उनका साथ दें।

ममता बनर्जी ने कहा कि अगर आधार मोबाइल नंबर से लिंक हो जाएगा तो पति-पत्नी तक के बीच की बात सार्वजनिक हो जाएगी। कुछ ऐसे निजी मामले होते हैं जिन्हें आप सार्वजनिक नहीं कर सकते।

ममता ने नोट बंदी के एक वर्ष पूरा होने पर विरोध जताने का एलान करते हुए कहा कि टीएमसी 8 नवंबर को काला दिवस मनाने जा रही है और पूरे राज्य में काले झंडे के साथ रैली भी निकाली जाएगी।

गौरतलब है फोन नंबर और बैंक खातों को को आधार से अनिवार्य तौर पर लिंक कराये जाने के सरकार के आदेश के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्त्ता तहसीन पूनावाला सहित कुछ लोगों ने सुप्रीमकोर्ट में पहले ही कुछ याचिकाएं दाखिल कर रखी हैं।

तहसीन पूनावाला की याचिका में दूरसंचार विभाग की 23 मार्च की अधिसूचना निरस्त करते हुए इसे असंवैधानिक घोषित करने का अनुरोध किया गया है।

याचिकाकर्ताओं को अगस्त में सुप्रीम कोर्ट के 9 जजों की पीठ के एक फैसले से उम्मीद बंधी थी। इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 21 और पार्ट 3 के तहत निजता को मौलिक अधिकार बताया था।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने फोन को आधार से अनिवार्य तौर पर जोड़ने के निर्देश दिए हैं। जब से सरकार ने मोबाइल ऑपरेटर्स को मोबाइल को आधार से लिंक करने का निर्देश दिया है, देश में 50 करोड़ उपभोक्ता इस निर्देश का पालन कर चुके हैं। अब भी देश में 60 करोड़ उपभोक्ता ऐसे हैं जिन्हें अपने मोबाइल को आधार से लिंक करना बाकी है।

 

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TeamDigital