केंद्र की नीतियों के खिलाफ संसद के बाहर विपक्ष का प्रदर्शन

नई दिल्ली। केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ तथा एससी-एसटी, बैंक घोटाला, दलित उत्पीड़न समेत अन्य मुद्दों पर विपक्ष के सांसदों ने आज संसद भवन के बाहर प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी शामिल हुए।
प्रदर्शनकारी विपक्ष के सांसद हाथो में तख्तियां लिए हुए थे। इन तख्तियों पर बैंक घोटाले, दलित उत्पीड़न, किसानों की पीड़ा को लेकर इंग्लिश में वे मुद्दे लिखे हुए थे, जिन्हें लेकर विपक्ष सरकार को घेर रहा है। इस प्रदर्शन में सपा, बसपा, लेफ्ट और कांग्रेस के ज्यादातर सांसद हाथों में तख्तियां लिए हुए शामिल हुए।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि प्रदर्शन में 17 पार्टी में शामिल है और यह दिखाता है कि विपक्षी एकता कितनी मजबूत है। उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शन में वो पार्टियां भी शामिल है, जो कभी एनडीए का हिस्सा हुआ करती थी, लेकिन अब सरकार के खिलाफ हमारे साथ एकजुट हैं।
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि विपक्ष की एकता 2019 के चुनाव तक न सिर्फ कायम रहेगी बल्कि बढ़ती जाएगी। उन्होंने कहा कि एनडीए के सांसदों के वेतन भत्ता नहीं लेने के ऐलान पर कहा कि उन्हें वेतन भत्ता लेने की जरूरत भी नहीं है, क्योंकि उनके पास हजारों करोड़ों रुपये है।
समाजवादी पार्टी के राज्यसभा से सांसद जया बच्चन ने कहा कि इस प्रदर्शन का मकसद लोगों का यह भ्रम दूर करना है कि संसद विपक्ष की वजह से नहीं चल रही है जबकि सच्चाई यह है कि संसद नहीं चलने के लिए सरकार दोषी है।
समाजवादी पार्टी के ही सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा कि सरकार हर मोर्चे पर फेल हो रही है और लोगों के मन में सरकार के प्रति बेहद गुस्सा है। संसद के बजट सत्र का दूसरा हिस्सा लगभग बिना कोई काम किए खत्म होने वाला है। शुक्रवार को इस सत्र का आखिरी दिन होगा।