केंद्रीय मंत्री के भाई की कंपनी से छिपकर हो रहा था बीजेपी का प्रचार, केस दर्ज
नई दिल्ली। मुंबई के खार इलाके में एक निजी कंपनी यूनाइटेड फॉस्फोरस लिमिटेड के ऑफिस से करोडो रूपये की प्रचार सामिग्री बरामद होने के बाद कंपनी के खिलाफ केस दर्ज किया गया हैं।
बुधवार को मुंबई के खार इलाके में चुनाव आयोग की टीम की टीम द्वारा की गयी छापेमारी में उक्त कंपनी से करोड़ों रुपये की बीजेपी की प्रचार सामग्री बरामद हुई। कांग्रेस का दावा है कि यह कंपनी केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के भाई प्रदीप गोयल की है।
जानकारी के मुताबिक जिस दफ्तर में छापेमारी की गई वह बीजेपी के प्रचार के लिए एक कॉल सेंटर की तरह काम कर रहा था। वहां पचास से ज्यादा लोग काम करते थे और वे लोगों को कॉल कर उन्हें पीएम मोदी का सर्जिकल स्ट्राइक वाला रेकॉर्डेड ऑडियो सुनाते थे।
इसी जगह से कंपनी के कर्मचारी लोगों के पते पर पीएम की आवाज में सेना के शौर्य और पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक के नाम पर लोगों से वोट देने की अपील वाली खास पत्रिका पोस्ट की जाती थी।
चुनाव आयोग की टीम द्वारा जब्त की गई प्रचार सामग्री की कीमत 6 करोड़ रुपये बताई गई है। खास बात ये है कि बरामद करोड़ों रूपए की प्रचार सामग्री पर कहीं भी प्रकाशक का नाम नहीं है। हालांकि उन सभी पर नरेंद्र मोदी और दूसरे बीजेपी नेताओं की तस्वीरें और कमल का निशान छपा हुआ है। जिस कंपनी से ये प्रचार सामग्रियां बरामद हुईं, उसका कहीं कोई रजिस्ट्रेशन नहीं है और न ही चुनाव आयोग को इसकी कोई जानकारी थी।
दरअसल महाराष्ट्र कांग्रेस के महासचिव और प्रवक्ता सचिन सावंत को कुछ लोगों से एक निंजी कंपनी में करोड़ों रुपये की अवैध प्रचार सामग्री की जानकारी मिली थी। इसकी जानकारी देते हुए उन्होंने चुनाव आयोग से शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद चुनाव आयोग की टीम ने वहां छापेमारी की।
सावंत ने बताया कि बीजेपी लोकतंत्र की धज्जियां उड़ा रही है। छापेमारी में करोड़ों रूपए की मोदी और दूसरे बीजेपी नेताओं की तस्वीरों और कमल के निशान वाली प्रचार सामग्री मिली जिनपर प्रकाशक का नाम नहीं था। सावंत ने कहा कि मुंबई में सिर्फ एक जगह छापेमारी में करोड़ों की प्रचार सामग्री बरामद हुई, तो पूरे देश में क्या हाल होगा।