किसानो से सरकार का मज़ाक: मदद के नाम पर किसानो के हिस्से में आएंगे मात्र 17रूपये प्रतिदिन

किसानो से सरकार का मज़ाक: मदद के नाम पर किसानो के हिस्से में आएंगे मात्र 17रूपये प्रतिदिन

नई दिल्ली(राजाज़ैद)। मोदी सरकार द्वारा अपने कार्यकाल के आखिरी बजट में किसानो के लिए न्यूनतम आय सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उनके बैंक खातों में बतौर सहायता राशि 6000 रुपये प्रतिवर्ष भेजे जाने का एलान किया गया है।

किसानो को यह रकम दो दो हज़ार रुपये की तीन किश्तों में दिए जाएंगे यानि हर चार महीने बाद सरकार किसानो के खाते में दो हज़ार रुपये की रकम डालेगी। यह सहायता उन्ही किसानो को मिलेगी जिनके पास दो हेक्टेयर से कम ज़मीन है।

सरकार के इस फैसले का आंकलन किया जाए तो समझ आता है कि दरअसल सरकार किसानो को राहत के नाम पर उन्हें प्रतिमाह पांच सौ रुपए की सहायता राशि देगी। जो प्रतिदिन करीबन 17 रुपये होती है।

यहाँ अहम सवाल यह है कि क्या किसानो को 17 रुपये प्रतिदिन मिलने से उनकी आजीविका चल पाएगी ? क्या सरकार द्वारा दिए जाने वाले 17 रुपये प्रतिदिन में किसान अपने परिवार को भोजन उपलब्ध करा पायेगा ?

सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आखिरी जुमला बजट बताया है राहुल गांधी ने लिखा, ”डियर नोमो, आपके पांच साल की अक्षमता और अहंकार ने हमारे किसानों का जीवन बर्बाद कर दिया। किसानों को 17 रुपये रोज देना उनके काम का अपमान है।”

राष्ट्रीय लोकदल नेता जयंत चौधरी ने सरकार के प्रस्ताव पर कटाक्ष करते हुए ट्वीट किया कि इस बजट को एक फरवरी की जगह एक अप्रेल को पेश किया जाना चाहिए। जिससे किसान समझ लेते कि सरकार ने फर्स्ट अप्रेल का मज़ाक किया है।

जहाँ सरकार ने किसानो की आय सुनिश्चित करने के नाम पर 17 रुपये प्रतिमाह मिलेंगे वहीँ वहीं असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की पेंशन 1 हजार रुपये महीने से 3 हजार रुपये कर दिया गया है। फिलहाल यह माना जा रहा है कि किसानो को राहत के नाम पर दी जाने वाली 17 रुपये प्रतिमाह की मामूली रकम के एलान के बाद किसान भड़क सकते हैं।

अपनी राय कमेंट बॉक्स में दें

TeamDigital