किसानो ने उड़ाई खटटर सरकार की नींद, कहा ‘नहीं हुई सुनवाई तो रोक देंगे रेल’
नई दिल्ली। हरियाणा में किसानो ने राज्य कोई मनोहर लाल खट्टर सरकार के खिलाफ बिगुल फूँक दिया है। जींद-रोहतक मार्ग पर गांव किलाजफरगढ़ के पास 10 अप्रैल से धरना दे रहे किसानो ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि मांगो पर जल्द सुनवाई नहीं हुई तो वे रेल रोको आंदोलन शुरू करेंगे।
गौरतलब है कि किसान राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी के निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण मामले में उचित मुआवजे की मांग को लेकर पिछले डेढ़ महीने से अधिक समय से धरने पर बैठे हैं।
उचित मुआवजा दिए जाने की मान को लेकर रविवार को धरना स्थल पर किसान महापंचायत का आयोजन किया गया। इस पंचायत में प्रदेश के हज़ारो किसानो ने भाग लिया।
किसानो ने दो टूंक शब्दों में सरकार को चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गयीं तो और बड़े स्तर आंदोलन राज्यभर में आंदोलन खड़ा किया जाएगा। यहाँ तक कि हरियाणा से गुजरने वाली रेलों को भी थाम दिया जाएगा।
ये हैं प्रमुख चार मांगे:
महापंचायत में आए सभी खापों, सामाजिक संगठनों व किसानों द्वारा सर्वसम्मति से फैसला लेकर सरकार के सामने चार मांगों को रखने का फैसला लिया गया। किसानों ने कहा कि जुलाना और दादरी जिले में 152डी के निर्माण के लिए किए जा रहे जमीन अधिग्रहण के लिए दो करोड़ प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए। हरियाणा को उसके अधिकार का एसवाईएल नहर का पानी दिया जाए।
इतना ही नहीं महापंचायत में किसानो ने मांग की कि हिंदू विवाह अधिनियम में संशोधन कर 3जी फार्मूला लागू किया जाए। इस फार्मूले के तहत अपने गोत्र, गांव में विवाह निषेध किया जाए। पाकिस्तान को जाने वाले पानी को बांध बनाकर रोका जाए।
गौरतलब है कि हरियाणा में इस वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में राज्य की मनोहर खट्टर सरकार को किसानो की नाराज़गी भारी भी पड़ सकती है। किसानो ने महापंचायत में एक सुर में अपनी मांगो के समर्थन में प्रस्ताव पास कर राज्य सरकार को भेजा है। इसमें सरकार से कहा गया है कि मुआवजा पीड़ित किसानो को तुरंत उचित मुआवज़ा दिया जाए।