कांग्रेस में विरोध के सुर : दिग्विजय बोले राहुल ने नहीं लिया एक्शन

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नई दिल्ली । भले ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने हार स्वीकार करके लोगों ने निर्णय को मान लिया हो, पर अब पार्टी में विरोध के स्वर उठने शुरू हो गए हैं। पार्टी के दिग्गज नेता शशि थरूर और दिग्विजय सिंह आत्मचिंतन बंद करके अब एक्शन की मांग कर रहे हैं।

अंग्रेजी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में शशि थरूर ने कहा, ‘आत्मनिरिक्षण बीते जमाने की बात हो गई है। अब एक्शन का वक्त है, 2014 में मिली हार के दो साल बाद तक हम लोग आत्मनिरिक्षण और चिंतन ही कर रहे हैं। अब ऐसे बदलाव करने का वक्त आ गया है जो लोगों को साफ तौर पर दिखाई दें।’

वहीं कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘हम लोगों ने बहुत आत्मनिरिक्षण कर लिया है। क्या अब हमें किसी बड़ी सर्जरी (बदलाव) के लिए नहीं जाना चाहिए।’

इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में दिग्विजय ने कहा, ‘लोकसभा चुनाव के बाद हम सबसे अपने-अपने राज्य की एक रिपोर्ट तैयार करके जमा करवाने को कहा गया था। जिससे पार्टी आगे की रणनीति तैयार कर सके। रिपोर्ट देने की आखिरी तारीख 20 फरवरी 2015 थी। सभी लोगों के साथ मैंने भी रिपोर्ट जमा करवा दी। आज मई 2016 हो गई है, अबतक उस रिपोर्ट का कुछ पता नहीं है। सवाल यही है, पार्टी कब तक सिर्फ आत्मचिंतन में डूबी रहेगी।’

इसके साथ ही दिग्विजय सिंह ने कहा कि असम की हार को हेमंत शर्मा को बाहर नहीं करके टाला जा सकता था। वहीं, असम से कांग्रेस के सीनियर नेता और केंद्र मंत्री रह चुके प्रबन सिंह घोटोवार का कहना है कि कांग्रेस अगर किसी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ती तो वह असम में नहीं हारती।

दोनों की बड़े नेताओं के बयान से साफ पता चलता है कि पार्टी में राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने की मांग अब जोर-शोर से उठने लगी है जिसे अब टाला नहीं जाना चाहिए। इन दोनों नेताओं के अलावा भी कई नेता ऐसे हैं जो मानते हैं कि राहुल को जल्द से जल्द अध्यक्ष बनकर पार्टी का नेतृत्व करना चाहिए और अपनी एक नई टीम का निर्माण करना चाहिए।

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