कांग्रेस ने व्हिप जारी कर अपने सांसदों से मंगलवार को संसद में मौजूद रहने को कहा
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने के एलान के बाद कल केंद्र सरकार लोकसभा में जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन बिल पेश करेगी। इस बिल को आज राज्यसभा पास कर दिया गया है।
कांग्रेस ने अपने सांसदों को तीन लाइन का व्हिप जारी कर मंगलवार को संसद में मौजूद रहने के लिए कहा है। माना जा रहा है कि जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल पर कल लोकसभा में सत्ता और विपक्ष के बीच कड़ी बहस हो सकती है।
इससे पहले आज राज्य सभा में जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन बिल पास हो गया। जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने पर राजनैतिक दलों के नेताओं की अलग अलग प्रतिक्रियाएं सामने आयी हैं।
जम्मू-कश्मीर की पिपुल्स कांफ्रेस के सज्जाद गनी लोन ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल के पास होने और धारा 370 को खत्म करने पर मायूसी जताते हुए आज के दिन का काला दिन कहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास नहीं हो रहा कि राज्य को मिले सारे विशेष अधिकार लूट लिए गए।
पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि सरकार ने ये फैसला देश के बाकी हिस्सों में होने जा रहे चुनावों में जीतने के लिए लिया है। उन्होंने राज्य में भारी सैन्य बल की तैनाती कब तक रहेगी के सवाल को लेकर कहा कि ये स्थिति एक दो दिन में संभलने वाली नहीं है। ऐसे में सैनिक वहां काफी समय तक रह सकते हैं।
उन्होंने सवाल उठाया कि अगर इस फैसले से अगर इतना ही फायदा है तो वहां के नेताओं को गिरफ्तार करने और इतनी बड़ी संख्या में सेना के जवानों को तैनात करने की क्या जरूरत थी?
जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने पर जहाँ सरकार विपक्ष में सेंध लगाने में कामयाब रही है वहीं मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के नेताओं की भी अलग अलग राय सामने आयी हैं।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता जनार्दन द्धिवेदी ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाये जाने पर मोदी सरकार की सराहना की है। उन्होंने जम्मू कश्मीर राज्य को दो केंद्रशासित क्षेत्रों में बांटने के केंद्र सरकार के कदम का समर्थन किया और अपनी पार्टी के रुख के विपरीत राय रखते हुए कहा कि सरकार ने एक ‘ऐतिहासिक गलती’ सुधारी है।
द्धिवेदी ने कहा कि यह बहुत पुराना मुद्दा है। स्वतंत्रता के बाद कई स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नहीं चाहते थे कि अनुच्छेद 370 रहे। मेरे राजनीतिक गुरु राम मनोहर लोहिया शुरू से ही अनुच्छेद 370 का विरोध करते थे. मेरे व्यक्तिगत विचार से तो यह एक राष्ट्रीय संतोष की बात है।