पाकिस्तान लिंक पर कांग्रेस ने कहा पीएम मोदी सबूत दें या माफी मांगें
नई दिल्ली। शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन राज्य सभा में विपक्ष ने सरकार की घेराबंदी की। विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पूर्व पीएम मनमोहन सिंह पर लगाए गए आरोपों और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेता शरद यादव को अयोग्य घोषित करने के मुद्दों को लेकर विपक्ष ने केंद्र सरकार को घेरा।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने पीएम मोदी द्वारा मनमोहन सिंह पर पाकिस्तान के साथ रिश्ते होने के आरोप पर कहा ‘यह कोई साधारण आरोप नहीं है। पीएम मोदी द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री, पूर्व उपराष्ट्रपति और कई सेवानिवृत्त राजनयिकों की सत्यनिष्ठा पर सवाल उठाया गया है।’
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जो दस साल तक देश के प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह, उनपर पीएम नरेंद्र मोदी ने गुजरात के पालनपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए पाकिस्तान और उनके नेताओं के साथ मिलकर गुजरात चुनाव में दखलअंदाजी का आरोप लगाया।
आज़ाद ने कहा कि पीएम मोदी ने मनमोहन सिंह और अन्य लोगों पर आरोप लगाया कि पाकिस्तान के साथ ये लोग मिलकर गुजरात चुनाव में बीजेपी को हराने का षड़यंत्र रच रहे हैं।
आज़ाद ने मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मामले पर सदन में आकर बोलना चाहिए और जो उन्होंने बोला है उसका सबूत दें। उन्होंने कहा कि अगर पीएम मोदी के पास सबूत नहीं है तो उन्हें केवल सदन में नहीं बल्कि पूरे राष्ट्र से मांफी मांगनी चाहिए।
गुलाम नबी आज़ाद कहा कि यह मुद्दा केवल राष्ट्र का नहीं अंतरराष्ट्रीय है और इसपर चर्चा होनी चाहिए। शरद यादव और उनके दल के एक नेता की सदस्यता रद्द किए जाने के मुद्दे पर गुलाम नबी अाजाद ने कहा कि शरद यादव ने महागठबंधन नहीं छोड़ा, बल्कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनेक सहयोगियों ने महागठबंधन छोड़ा। वास्तव में, उन लोगों की सदस्यता को रद्द किया जाना चाहिए।