कांग्रेस के इस दांव से त्रिपुरा में रुक सकता है बीजेपी का विजय रथ
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नई दिल्ली। पूर्वोत्तर में अपनी जड़ें और मजबूत कर रही बीजेपी को ब्रेक लगाने के लिए कांग्रेस ने त्रिपुरा के राजघराने से ताल्लुक रखने वाले प्रद्योत माणिक देब बर्मा को पार्टी की कमान सौंपी है। माना जा रहा है कि देब बर्मा त्रिपुरा में बीजेपी का विजय रथ रोकने में सक्षम हैं।
40 वर्षीय देब बर्मा त्रिपुरा के माणिक्य वंश के अंतिम महाराजा कीर्तिविक्रम देबबर्मा के इकलौते पुत्र हैं। राजघराने से ताल्लुक रखने के कारण देब बर्मा राज्य में बेहद लोकप्रिय हैं। राज्य के आदिवासी परिवारों में देबबर्मा को आज भी राजा की तरह सम्मान होता है।
देबबर्मा को कांग्रेस ने राज्य में फिर से पार्टी को अपने पैरो पर खड़ा करने की ज़िम्मेदारी दी है। गौरतलब है कि त्रिपुरा की दो लोकसभा सीटों में से कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत सकी थी वहीँ विधानसभा चुनावो में भी उसका सूपड़ा साफ़ हो गया था और पार्टी का राज्य में खाता तक नहीं खुला था।
ऐसे हालातो में देबबर्मा पर पार्टी द्वारा भरोसा जताये जाने के पीछे अहम वजह उनका राजघराने से ताल्लुक रखने के अलावा उनकी लोकप्रियता है। स्थानीय लोगों की माने तो देबबर्मा लोकसभा चुनाव में कम से कम एक सीट जीतकर पार्टी की झोली में डाल सकते हैं।
युवाओं को बड़ी ज़िम्मेदारी देने की कवायद के तहत कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने देबबर्मा को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाकर फ़िलहाल बीजेपी के लिए एक टेंशन अवश्य पैदा कर दी है।