कश्मीर हिंसा पर एकजुट हुआ विपक्ष, राष्ट्रपति को बताएँगे कश्मीर का हाल
श्रीनगर । कश्मीर में हुई हिंसा से निपटने के केंद्र के तरीके से नाखुश विपक्ष ने अब तय किया है कि वह कश्मीर के हालात को लेकर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिलेगा और उन्हें कश्मीर के हालात के बारे में पूरी जानकारी देगा ।
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की पहल पर आयोजित विपक्षी दलों की बैठक में सभी दलों के नेताओं ने एक स्वर से सुरक्षा बलों द्वारा प्रदर्शनकारियों पर अत्यधिक बल प्रयोग का विरोध किया। विपक्षी दलों ने सुरक्षा बलों की कार्रवाई की सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज से जांच कराए जाने पर जोर दिया है।
बैठक के बाद उमर ने बताया कि रियासत के विपक्षी दलों के नेताओं का शिष्टमंडल नई दिल्ली भेजकर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को हालात की जानकारी देने का फैसला लिया है।
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि विपक्षी दलों ने कश्मीर के हालात पर चिंता प्रकट करते हुए केंद्र और राज्य सरकार के रवैये पर उदासीनता प्रकट की है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को कश्मीर का सच बताने का फैसला लिया है। इसके लिए राष्ट्रपति से मिलने के लिए समय लिया जाएगा।
हालात सामान्य बनाने के लिए सभी हित धारकों से वार्ता शुरू करने का दबाव बनाया जाएगा और राष्ट्रीय स्तर के विपक्षी दलों के नेताओं को भी हालात की जानकारी दी जाएगी। घाटी में करीब 70 लोगों की जान जा चुकी है। उमर ने कहा कि उनकी निजी राय है कि पीएम को अपने घर में हालात सुधारने की दिशा में उचित कदम उठाने चाहिए।
अगर ब्लूचिस्तान पर प्रधानमंत्री बात कर सकते हैं तो उन्हें कश्मीर पर भी बात करनी होगी। उन्होंने कहा जम्मू-कश्मीर सियासी मुद्दा है। हर बात के लिए पाकिस्तान पर आरोप लगाना ठीक नहीं है। अपनी गलतियों को भी सुधारना होगा। कहा कि 12 अगस्त को जम्मू कश्मीर में बने हालात पर प्रधानमंत्री की ओर से बुर्लाई सर्वदलीय बैठक भी असल में विपक्ष की कवायद के बाद हुई। पाकिस्तान से भी बात होनी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसा पूर्व में भी कर चुके हैं।