कर्नाटक में आज प्रचार का अंतिम दिन, डिफेंसिव मोड में आई बीजेपी

नई दिल्ली। कर्नाटक में 12 मई को होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए आज प्रचार का अंतिम दिन है। यहाँ 224 विधानसभाओं में से 223 विधानसभाओं के लिए एक चरण में शनिवार,12 मई को मतदान होगा तथा मंगलवार, 15 मई को नतीजे घोषित किये जायेंगे।
चुनाव प्रचार के अंतिम दिन कांग्रेस, बीजेपी और जनता दल सेकुलर के दिग्गज अपनी पूरी ताकत झोंकेंगे। कांग्रेस की तरफ से पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के अलावा कांग्रेस के कई दिग्गज आज कर्नाटक में मौजूद रहेंगे।
वहीँ भारतीय जनता पार्टी की तरफ से पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ,बीएस येदुरप्पा तथा कई केन्द्रीय मंत्री कर्नाटक में बीजेपी के लिए प्रचार करेंगे।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर अधिकांश ओपिनियन पोल में त्रिशंकु विधानसभा की आशंका जताई गयी है लेकिन अधिकांश ओपिनियन पोल कांग्रेस को सबसे बड़ी पार्टी और जनता दल सेकुलर किंग मेकर की भूमिका में बता रहे हैं।
फ़िलहाल कर्नाटक में बीजेपी डिफेंसिव मोड में आ गयी है। इससे पहले कल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बीजेपी और पीएम नरेन्द्र मोदी पर जमकर हमले किये थे। राहुल गांधी ने एक रैली में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को मर्डर एक्युज कहकर बीजेपी को उसी की भाषा में जबाव दिया।
राहुल गांधी ने अपने भाषण में बीजेपी और आरएसएस को संविधान को छूकर दिखाने की खुली चुनौती भी दी। उन्होंने बीजेपी पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि अब जनता पूछ रही है कि हमने बीजेपी को पांच साल दिए, जिसमे चार साल पूरे हो चुके हैं लेकिन कोई काम नही हुआ। इसलिए जनता पहले बीजेपी को कर्नाटक से बाहर करेगी, फिर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान से बाहर करेगी और बाद में बीजेपी पूरे देश से बाहर की जाएगी।
बीजेपी के समक्ष साख बचाना चुनौती:
बीजेपी की तरफ से पार्टी अध्यक्ष अमित शाह तथा पीएम नरेन्द्र मोदी जो भी दावे कर रहे हों लेकिन एक बड़ी सच्चाई यह है कि कर्नाटक की जनता ने बीजेपी के मुख्यमंत्री के चेहरे येदुरप्पा में कोई खास दिलचस्पी नही दिखाई है।
कर्नाटक में बीजेपी पर दागियों को टिकिट देने के आरोप भी लगे हैं। ऐसे में पार्टी के लिए साख बचाना एक बड़ी चुनौती होगी। वहीँ दूसरी तरफ कर्नाटक चुनाव के दौरान रेप की कई घटनाएँ प्रकाश में आने के बाद बीजेपी को महिला सुरक्षा के मुद्दे पर जनता को जबाव देना भारी पड़ा है।
जानकारों की माने तो बीजेपी जिस कट्टर हिंदुत्व और पीएम मोदी के करिश्मे के सहारे चुनावी नैया पार करना चाहती थी अब पार्टी के नेताओं को ही इसमें संदेह हो रहा है। जानकारों के अनुसार पार्टी ने जिस तेजी और दमखम से प्रचार की शुरुआत की थी वह दमखम प्रचार के अंतिम चरण में देखने को नही मिला।
बता दें कि कर्नाटक में चुनाव प्रचार की शुरुआत में बीजेपी ने न सिर्फ केन्द्रीय मंत्रियों की फ़ौज लगायी थी बल्कि कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी प्रचार की ज़िम्मेदारी दी थी।
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