कर्नाटक मामले में चौतरफा घिरी बीजेपी, कांग्रेस ने विधायक किये दूसरी जगह शिफ्ट
नई दिल्ली। कर्नाटक में राज्यपाल द्वारा सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी द्वारा बहुमत के लिए आवश्यक 112 विधायकों की लिस्ट दिए बिना सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किये जाने पर बीजेपी की फजीहत शुरू हो गयी है।
बिहार में राष्ट्रीय जनता दल ने मांग की है कि राज्य में सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद उन्हें सरकार बनाये जाने के लिए आमंत्रित नहीं किया जाना दोहरा मापदंड है।
राजद ने कहा कि अगर कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला ने सबसे बड़ी पार्टी को बुलाकर सही काम किया है तो बिहार की सबसे बड़ी पार्टी राजद को सरकार बनाने का मौका मिलना चाहिए।
राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि मैं बीजेपी वालों को चुनौती देता हूं कि अगर उन्होंने कर्नाटक में ठीक स्टैंड लिया है तो बिहार सरकार को भंग कर यहां राजद को सरकार बनाने का मौका दे और नहीं तो देश की जतना से माफी मांगे की उन्होंने गलत फैसला लिया है।
इस बीच कांग्रेस ने अपने सभी विधायको को बेंगलुरु के रिसौर्ट्स से हटाकर अब उन्हें हैदराबाद भेज दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कांग्रेस विधायकों और जेडीएस विधायकों ने अपना अपना स्थान छोड़ दिया है। बताया जा रहा है कि कुछ विधायक कोच्चि जा सकते हैं तो कुछ विधायक हैदराबाद भी जा सकते हैं।
इससे पहले आज कर्नाटक में मौजूद सीनियर कांग्रेस नेताओं गुलाम नबी आजाद, अशोक गहलोत ने जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी के साथ ईगलटन रिजॉर्ट में लंबी मीटिंग की। बैठक में पूर्व सीएम और कांग्रेसी नेता सिद्धारमैया भी मौजूद रहे।
सूत्रों की माने तो कांग्रेस की कोशिश है कि कल सुप्रीमकोर्ट में सुनवाई होने तक कांग्रेस विधायको को किसी भी तरह बीजेपी से बचाए रखा जाए। जिस से ये पता चल सके कि बीजेपी सुप्रीमकोर्ट में जो विधायको की लिस्ट देगी उसमे किस किस विधायक के नाम हैं।
सूत्रों के मुताबिक यदि बीजेपी की लिस्ट मे कांग्रेस या जेडीएस के उन विधायको में से किसी का नाम दिया गया है जो रिसौर्ट में मौजूद हैं तो उनसे तुरंत हलफनामा सुप्रीमकोर्ट में दाखिल कराया जायेगा।
फ़िलहाल बीजेपी के लिए बड़ी मुश्किल यह है कि वह कल सुप्रीमकोर्ट में बहुमत वाली लिस्ट कैसे दे। वहीँ कांग्रेस के लिए मुश्किल है कि आखिर कब तक विधायको को यूँ छिपा कर रखा जाए।