कर्नाटक: बहुमत साबित करने के लिए ये दो फॉर्मूले अपना सकती है बीजेपी

कर्नाटक: बहुमत साबित करने के लिए ये दो फॉर्मूले अपना सकती है बीजेपी

नई दिल्ली। कर्नाटक में बहुमत साबित करने के लिए बीजेपी हर दांव आजमा रहा है। सुप्रीमकोर्ट के आदेश के बाद अब कल शाम 4 बजे तक बीएस येदुरप्पा को विश्वास मत हासिल करना होगा। इससे पहले राज्यपाल ने उन्हें पंद्रह दिन के अंदर बहुमत साबित करने के लिए कहा था लेकिन सुप्रीमकोर्ट ने इस समय को घटा कर शनिवार शाम 4 बजे तक का कर दिया है।

बीजेपी को बहुमत के लिए 112 विधायकों की संख्या चाहिए लेकिन चूँकि कुमार स्वामी दो सीटों से चुनाव जीते हैं इसलिए सदन की संख्या 221 हो जाती है और अब बहुमत के लिए ज़रूरी संख्या 111 हो जाती है। ऐसी स्थति में बीजेपी दो विकल्पों पर काम कर रही है है।

पहले विकल्प में यदि कांग्रेस या जेडीएस के 9 विधायक बीजेपी का समर्थन करें तो पार्टी की सदन में संख्या 113 हो जाएगी और यदि उसे दो निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी मिल जाता है तो उसकी संख्या 115 तक पहुँच सकती है।

हालाँकि बीजेपी का यह फॉर्मूला काम नहीं कर रहा। क्यों कि कांग्रेस और जेडीएस विधायकों से बीजेपी सम्पर्क नहीं बिठा पा रही है। दोनो पार्टियों के विधायक कड़ी निगरानी में हैं। अगर कांग्रेस और जेडीएस के विधायक आखिरी वक्त तक साथ रहे तो बीजेपी के ये सारे फार्मूले नाकाम हो जाएंगे और येदियुरप्पा के हाथ से तीसरी बार मुख्यमंत्री की कुर्सी निकल जाएगी।

दूसरे फॉर्मूले में कांग्रेस- जेडीएस के करीब 15 विधायक विश्वास मत के दौरान गैरहाजिर रहें। इससे सदन की संख्या 221 से घटकर 206 रह जाएगी और जादुई आंकड़ा 104 पर आ जाएगा। प्रोटेम स्पीकर समेत बीजेपी के 104 विधायक हैं। प्रोटेम स्पीकर तभी वोट डाल पाएंगे जब टाई हो। ऐसे में बीजेपी को एक निर्दलीय विधायक का वोट भी हर हाल में चाहिए।

फिलहाल सभी की नज़रें कल होने वाले फ्लोर टेस्ट पर लगी हैं। मुख्यमंत्री बीएस येदुरप्पा ने दावा किया है कि कल होने वाले फ्लोर टेस्ट में उनकी 100 प्रतिशत जीत होगी। उन्होंने मीडिया से कहा कि हम उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन करेंगे। बहुमत साबित करने के लिए हमारे पास 100 प्रतिशत सहयोग एवं समर्थन है।

प्रोटॅर्म स्पीकर के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट पहुंची कांग्रेस :

इस बीच कर्नाटक में राज्यपाल द्वारा प्रोटॅर्म स्पीकर की न्युक्ति का मामला लेकर कांग्रेस ने सुप्रीमकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है। कांग्रेस का कहना है कि ये न्युक्ति असंवैधानिक है।

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TeamDigital