कर्नाटक के बागी विधायकों की याचिका पर सुप्रीमकोर्ट में सुनवाई जारी, पढ़िए- किसने क्या कहा

कर्नाटक के बागी विधायकों की याचिका पर सुप्रीमकोर्ट में सुनवाई जारी, पढ़िए- किसने क्या कहा

नई दिल्ली। कर्नाटक के दस बागी विधायकों द्वारा सुप्रीमकोर्ट में दाखिल गयी याचिका पर कोर्ट में सुनवाई जारी है। कोर्ट में बागी विधायकों का पक्ष मुकुल रोहतगी रख रहे हैं। वहीँ कांग्रेस की तरफ से कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी पैरवी कर रहे हैं।

बागी विधायकों का पक्ष रखते हुए मुकुल रोहतगी ने कहा जब विधायक इस्तीफा देना चाहते हैं, वे विधायक रहना ही नहीं चाहते तो उनका इस्तीफा स्वीकार क्यों नहीं किया गया।

उन्होंने सवाल किया कि विधायकों को बांधे रखने की कोशिश क्यों हो रही है। रोहतगी ने कहा कि उमेश जाधव ने इस्तीफा दिया और उनके इस्तीफे को स्वीकार कर लिया गया है।

रोहतगी ने बागी विधायकों का पक्ष रखते हुए कहा कि विधायक कोई ब्यूरोक्रेट या कोई नौकरशाह नहीं हैं, जो कि इस्तीफा देने के लिए उन्होंने कोई कारण बताना पड़े।

इसपर चीफ जस्टिस ने कहा कि अगर हम आपकी बात मानें, तो क्या हम स्पीकर को कोई ऑर्डर दे सकते हैं? आप ही बताएं कि ऐसे में क्या ऑर्डर हम दे सकते हैं? मुकुल रोहतगी ने इस दौरान मध्य प्रदेश, कर्नाटक और गोवा के उदाहरण भी पेश किए।

इसके जबाव में कांग्रेस की तरफ से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत से कहा कि स्पीकर को कुछ समय मिलना चाहिए क्योंकि उन्हें सही तर्कों के साथ इस्तीफों और अयोग्यता पर निर्णय करना है।

उन्होंने कोर्ट से कहा कि आप बंदिशे हटाइए, हम कल तक इस्तीफे और अयोग्यता पर फैसला कर लेंगे. साथ ही एक कारण भी देंगे। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि स्पीकर को कुछ हो गया है और वो इस तरह के फैसले ले रहा है। स्पीकर काफी अनुभव वाला व्यक्ति है।

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने इस पर सिंघवी से पूछा कि अगर कोई व्यक्ति आमने-सामने इस्तीफा नहीं देता है तो क्या होता है। उन्होंने पूछा कि क्या स्पीकर ने कोर्ट आने से पहले कुछ नहीं किया। उन्होंने नोटिस जारी करना चाहिए था।

मुख्य न्यायाधीश ने पूछा कि जब विधायकों ने इस्तीफा दिया तो स्पीकर ने क्यों कुछ नहीं किया, क्यों वो लगातार कहते रहे कि वह तुरंत फैसला नहीं कर सकते हैं।

सुप्रीमकोर्ट में अभी सुनवाई जारी है। बागी विधायकों के इस्तीफे मामले में सुप्रीमकोर्ट के फैसले से कर्नाटक सरकार का भविष्य तय हो सकता है। जानकारों की माने तो कोर्ट विधानसभा अध्यक्ष के लिए कोई आदेश भी जारी कर सकता हैं। कर्नाटक विधानसभा में गुरूवार को फ्लोर टेस्ट होना है।

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TeamDigital