कर्नाटक के बागी कांग्रेस विधायक पहुंचे सुप्रीमकोर्ट, अयोग्य ठहराए जाने के फैसले को चुनौती
नई दिल्ली। कर्नाटक कांग्रेस के दो बागी विधायकों ने सुप्रीमकोर्ट में याचिका दायर कर अयोग्य ठहराए जाने के फैसले को चुनौती दी है। वहीँ दूसरी तरफ कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर रमेश कुमार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। गौरतलब है कि विधानसभा स्पीकर रमेश कुमार ने इस्तीफा देने वाले सभी17 बागी विधायकों को अयोग्य करार दिया था।
विधायकों ने सुप्रीमकोर्ट से स्पीकर के आर रमेश कुमार द्वारा अयोग्य ठहराए जाने के 25 जुलाई के आदेश को रद्द करने की मांग की है। कांग्रेस के जिन दो विधायकों ने सुप्रीमकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है उनमे रमेश एल जारखिहोली और महेश कुमथल्ली शामिल हैं।
याचिका में 11 फरवरी से 25 जुलाई तक के घटनाक्रम का ज़िक्र करते हुए अयोग्य ठहराए जाने की कार्यवाही को अनुचित बताया गया है।याचिका में अयोग्य ठहराए जाने की कार्यवाही को संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत पूरी तरह से गैरकानूनी, मनमाना बताया गया है।
इतना ही नहीं याचिका में स्पीकर द्वारा इस्तीफे को अस्वीकार करने के उनके फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा गया है कि यह स्वैच्छिक और वास्तविक नहीं था। याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ताओं ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया है और फिर भी उनके इस्तीफे को सदन के अध्यक्ष ने अशिष्टतापूर्ण तरीके से खारिज कर दिया और अध्यक्ष ने याचिकाकर्ताओं को अयोग्य ठहराया है।
यह याचिका उस दिन दायर की गई थी जब मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने विधानसभा में बहुमत साबित कर दिया था और एक वोट से विश्वास प्रस्ताव जीत लिया।
इससे पहले आज कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा ने सोमवार को विधानसभा में बहुमत साबित कर दिया। उनके द्वारा प्रस्तुत विश्वास प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित हो गया।
येदियुरप्पा ने अपनी तीन दिन पुरानी सरकार का बहुमत साबित करने के लिए एक लाइन का विश्वास प्रस्ताव पेश किया था। विपक्ष ने मत विभाजन के लिए मांग नही की। इस वजह से विधानसभा स्पीकर के. आर. रमेश ने प्रस्ताव को ध्वनि मत से पारित घोषित कर दिया।