कर्नाटक: उपचुनाव में अटकी हैं बीजेपी की सांसें, 06 सीटें नहीं जीतीं तो गिर जाएगी सरकार

कर्नाटक: उपचुनाव में अटकी हैं बीजेपी की सांसें, 06 सीटें नहीं जीतीं तो गिर जाएगी सरकार

नई दिल्ली। कर्नाटक में पूर्ववर्ती जेडीएस – कांग्रेस गठबंधन सरकार को गिराने में जिन 15 बागी विधायकों की अहम भूमिका रही, उन्हें अयोग्य ठहराए जाने के बाद सभी सीटों पर 21 अक्टूबर को उपचुनाव होगा।

15 सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव के परिणाम कर्नाटक की येदुरप्पा सरकार का भविष्य तय करेंगे। येदियुरप्पा को सरकार में बने रहने के लिए कम से कम 6 सीटें जीतनी होंगी।

गौरतलब है कि कर्नाटक में 15 बागी विधायक इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो गए थे तथा बाद में ये सभी विधायको स्पीकर द्वारा अयोग्य ठहरा दिया गया था। इस तरह कुल 17 विधायकों को विधानसभा स्पीकर ने अयोग्य करार दिया था। अब इन 15 सीटों पर 21 अक्टूबर को दोबारा चुनाव होगा।

जिन पंद्रह विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होगा उनमे गोकक, अथानी, रानीबेनूर, कागवाड़, हिरेकर, येलापुर, यशवंतपुरा, विजयनगर, शिवाजीनगर, होसाकोट, हुनसुरु , कृष्णराजपेट, महालक्ष्मी लेआउट, केआर पुरम और चिकबल्लापुरा शामिल हैं।

15 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के बाद विधानसभा के सदस्यों की तादाद 222 हो जायेगी और राज्य की बीजेपी सरकार को बने रहने के लिए 112 विधायकों की आवश्यकता होगी। जबकि अभी उसे 106 विधायकों का समर्थन हासिल है। ज़ाहिर है उसे विधानसभा में बहुमत के लिए 06 और सीटें चाहिए।

वहीँ इस समय विपक्ष के सदस्यों की संख्या 102 है, इसमें कांग्रेस के 66 और जेडीएस के पास 34 विधायक हैं। इसके अलावा बसपा का 1 और एक निर्दलीय विधायक भी है।

क्यों अटकी हैं बीजेपी की सांसे:

जिन पंद्रह विधानसभा सीटों पर 21 अक्टूबर को चुनाव होना है वे सभी सीटें कांग्रेस के अधिपत्य वाली हैं। गोकक, रानीबेनूर, विजयनगर, शिवाजीनगर, होसकोट, के आर पुरम, चिकबल्लापुरा विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने 2013 और 2018 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी।

वहीँ हुनसुरु सीट 2013 में कांग्रेस ने जीती थीं जबकि 2018 के चुनाव में इस सीट पर जनता दल सेकुलर के उम्मीदवार विजयी हुए। महालक्ष्मी लेआउट सीट पर 2013 और 2018 के विधानसभा चुनाव में जनता दल सेकुलर उम्मीदवार विजयी रहे हैं।

उपचुनाव को लेकर बीजेपी की साँसे इसलिए भी अटकी हैं क्यों कि जिन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है उनमे से अधिकांश सीटों पर दलित मुस्लिम और पिछड़ा वर्ग के मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि उपचुनाव में 06 सीटें जीतना बीजेपी के लिए लोहे के चने चबाने जैसा साबित हो सकता है।

दिल्ली पहुंचे अयोग्य विधायक:

जिन विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के बाद उनकी सीटों पर 21 अक्टूबर को फिर से चुनाव कराया जाना है, वे सभी विधायक कर्नाटक के मुख्यमंत्री येदुरप्पा के साथ दिल्ली पहुँच गए हैं।

बता दें कि अयोग्य ठहराए गए विधायको ने स्पीकर के फैसले के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। अब उपचुनाव के एलान के बाद वे फिर से सुप्रीमकोर्ट जा सकते हैं और उनकी सीटों पर उपचुनाव न कराये जाने की गुहार लगा सकते हैं।

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TeamDigital