कठुआ, उन्नाव और सुरत: गुस्से में देश, दिल्ली से मुंबई तक प्रदर्शन

नई दिल्ली। कठुआ और उन्नाव के बाद सूरत में हुई रेप की घटना के विरोध में देशभर में विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है। देश में बलात्कार, दलितों एवं अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं के विरोध में दिल्ली से मुंबई तक कई जगह प्रदर्शनों का आयोजन किया गया।
दिल्ली में ‘नॉट इन माय नेम’ के नाम से बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुआ। गुड़गांव में रहने वाली फिल्मकार सबा दीवान की अगुवाई में संसद मार्ग पर इकट्ठा हुए सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि उन्नाव कांड में पूरी तरह नाकाम हुई उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार बर्खास्त की जाए।
प्रदर्शन में शामिल हुए युवाओं, कलाकारों एवं छात्रों-छात्राओं ने सरकार से मांग की कि कठुआ कांड की पीड़िता के परिजन को सुरक्षा मुहैया कराई जाए और उन्हें कानूनी मदद भी दी जाए।
कठुआ और उन्नाव रेप मामले को लेकर देश के अन्यहिस्सों में भी विरोध प्रदर्शनो का आयोजन किया गया। मुंबई के बांद्र में सैकड़ो लोगों ने सडक पर विरोध प्रदर्शन कर रेप आरोपियों के लिए फांसी की मांग की। वहीँ केरल के तिरुंव्अनंतपुरम में भी लोगों ने प्रदर्शन किया।
वहीँ सूरत में एक दस वर्षीय बच्ची के साथ कई दिनों तक बंधक बनाकर रेप और हत्या किये जाने की घटना के विरोध में सुरत में केंडिल मार्च का आयोजन किया गया।
वहीँ कठुआ रेप और हत्या के मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा 13 अप्रैल को जम्मू बार एसोसिएशन तथा कठुआ बार एसोसिएशन को आड़े हाथ लिये जाने के बाद अब सुनवाई सुचारू ढंग से चलने की उम्मीद है. शीर्ष अदालत ने इस मामले में कुछ वकीलों द्वारा न्यायिक प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न करने पर कड़ी आपत्ति जताई थी।
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा , न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने जम्मू उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन की भी आलोचना की थी जिसने प्रस्ताव पारित करके अदालती कार्यवाही में शामिल नहीं होने को कहा था।
अपराध शाखा द्वारा दायर आरोपपत्रों के अनुसार , बकरवाल समुदाय की लड़की का अपहरण , बलात्कार और हत्या एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा थी ताकि इस अल्पसंख्यक घुमंतू समुदाय को इलाके से हटाया जा सके।
इसमें कठुआ के एक छोटे गांव के एक मंदिर के रखरखाव करने वाले को इस अपराध का मुख्य साजिशकर्ता बताया गया है। सांजी राम ने कथित रूप से विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजूरिया और सुरेंद्र वर्मा , मित्र प्रवेश कुमार उर्फ मन्नु , राम के भतीजे एक नाबालिग और उसके बेटे विशाल उर्फ ‘ शम्मा ‘ के साथ मिलकर इस अपराध को अंजाम दिया।
आरोपपत्र में जांच अधिकारी हेड कांस्टेबल तिलक राज और उपनिरीक्षक आनंद दत्ता को भी नामजद किया गया है जिन्होंने राम से चार लाख रुपये कथित रूप से लेकर महत्वपूर्ण सबूत नष्ट किये।
आठों आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। अपराध शाखा जम्मू बार एसोसिएशन और कठुआ बार एसोसिएशन को उच्चतम न्यायालय के सामने 19 अप्रैल को पेश होने के लिए जारी नोटिस सौंपेंगी।