ओलमा काउन्सिल के प्रमुख मौलाना रशादी ने पूछा ‘ज़ाकिर नाईक पर प्रतिबंध तो संघ पर क्यों नहीं’
नई दिल्ली । राष्ट्रीय ओलमा काउन्सिल के प्रमुख मौलाना रशादी ने इस्लामिक स्कॉलर ज़ाकिर नाईक पर उठ रही प्रतिबंध की मांग पर सवाल किया है कि यदि ज़ाकिर नाईक पर प्रतिबंध लग सकता है तो संघ पर क्यों नहीं लग सकता ।
उर्दू अख़बार इंकलाब से बात करते हुए मौलाना रशादी ने कहा कि डॉक्टर जाकिर नायक जाकिर नायक पर इंडियन मिडिया का हमला सिर्फ एक जन पर नहीं बल्कि डॉक्टर जाकिर नायक की इस्लामी पहचान पर है । उन्होंने कहा कि डॉक्टर जाकिर नायक के बहुत से बयान से दृष्टिकोण के हिसाब से सहमत नहीं हो सकते पर उनके बयान को आतंकवाद से जोड़ना और उन्हें आतंकवाद की होसला अफजाई करने वाला बताना गलत होगा और उसकी कड़ी से कड़ी निंदा होनी चाहिए ।
उन्होंने कहा कि यह बेहद चकित करने वाला है कि हिन्दुस्तानी नागरिक होकर पिछले दस सालों से पीस टीवी चलने वाले डॉक्टर जाकिर नायक के हज़ारों बयान में से किसी भी बयान पर आज तक हिन्दुस्तानी सरकार को कोई भी एतराज़ नहीं हुआ, लेकिन अचानक बंगलादेश के आतंकवादी हमले में शामिल एक आतंकवादी द्वारा शेयर की गई फेसबुक पोस्ट को ग्राउंड बना कर उनके खिलाफ हिंदुस्तान में क़ानूनी कार्यवाही करने के साथ उनके चेनल को बैन करने की बात की जा रही है ।
उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति के सोशल मिडिया पर करोड़ो फोलोवर्ज़ हों उसकी किसी पोस्ट या बयान को कोई भी संदिग्ध व्यक्ति लिखे शेयर कर सकता है यो क्या उस संदिग्ध व्यक्ति के साथ डॉक्टर जाकिर नायक को जोड़ दिया जायेगा । उसने कहा कि सरकार को श्रद्धा कपूर को बैन करना चाहिए तथा एक आतंकी उनका बहुत बड़ा फैन था उन्होंने उनसे मुलाकात भी की थी ।
उन्होंने कहा कि हुकुमत और मिडिया को डॉक्टर जाकिर नायक पर मजहब के नाम पर नफरत फ़ैलाने का इलज़ाम लगाने वालों को परवीन तोगड़िया, साक्षी महाराज, साध्वी प्राची, प्रज्ञा ठाकुर, और मुस्लिम औरतों से रेप करने की बात कहने वाले आदित्यनाथ योगी का जहर उगलने वाला बयान नजर नहीं आते ।
उन्होंने कहा कि अगर किसी के फोलोअप होने सजा दी जा सकती है तो फिर राजनाथ सिंह और शिवराज चौहान को क्यूँ सज़ा नहीं दी जाती जो लोग आतंक के मुजरिम साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर से मिलने के लिए जेल जाते हैं, उन्होंने कहा कि अगर डॉक्टर जाकिर नायक पर पाबंदी लगाई जा सकती है तो RSS पर क्यूँ नहीं लगाई जा रही है ।