एससी/एसटी एक्ट पर बागी होने के कगार पर पहुंचे एनडीए के घटक दल
नई दिल्ली। दलितों के मुद्दे पर एनडीए में पैदा हुई रार अब और गहरी होती दिखाई दे रही है। एससी/ एसटी एक्ट को अपने पुराने स्वरुप में वापस लाने की मांग को लेकर एनडीए के घटक दल बागी होने के कगार पर हैं।
एससी/एसटी एक्ट को पुराने स्वरुप में वापस लाने की मांग सबसे पहले राम विलास पासवान की लोकजनशक्ति पार्टी ने उठायी थी। वहीँ कल जनता दल यूनाइटेड ने लोक जनशक्ति पार्टी की मांग का समर्थन कर मोदी सरकार और बीजेपी के लिए नई मुश्किल पैदा कर दी थी।
इस मुद्दे पर सरकार की सहयोगी रालोसपा के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने भी मोर्चा खोल दिया है। सरकार की सहयोगी लोजपा और आरपीआई के बाद अब तीसरी सहयोगी रालोसपा ने सार्वजनिक तौर पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए जस्टिस गोयल को तत्काल एनजीटी अध्यक्ष पद से हटाने की मांग की है।
रालोसपा के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि जस्टिस गोयल के फैसलों से उपेक्षित वर्ग बेहद नाराज हैं। हम यहां इस वर्ग की रक्षा के लिए हैं। जस्टिस गोयल की नियुक्ति का मैंने भी विरोध किया है। मैं भी चाहता हूं कि जस्टिस गोयल को एनजीटी अध्यक्ष पद से तत्काल हटाना चाहिए।
इससे पूर्व लोजपा मोदी सरकार को मुद्दा आधारित समर्थन की घोषणा करते हुए 7 अगस्त तक संसद के मॉनसून सत्र में एससी-एसटी एक्ट को बिल के रूप में नए सिरे से पेश करने का अल्टीमेटम दे चुकी है ।