एनडीए में भगदड़: शिवसेना, टीडीपी के बाद अकाली और लोकजनशक्ति ने पढ़ाया पाठ

एनडीए में भगदड़: शिवसेना, टीडीपी के बाद अकाली और लोकजनशक्ति ने पढ़ाया पाठ

नई दिल्ली। तेलगु देशम द्वारा एनडीए से नाता तोड़ने के बाद अभी एनडीए में भगदड़ का मामला थमा नहीं है।

अब एनडीए में सहयोगी रामविलास पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति और अकाली दल ने भी बीजेपी पर सवाल उठाये हैं। इससे पहले कल भारतीय जनता पार्टी की तरफ से शिवसेना को मनाने की कोशिशें की गयीं थीं।

केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बेटे और लोकजनशक्ति पार्टी के सांसद चिराग पासवान ने कहा कि उपचुनाव के नतीजे 2019 के चुनाव के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं, खतरे की घंटी हैं। अभी भी समय है, गठबंधन के साथी दलों से सलाह-मशविरा के बाद ही फैसले लिए जाएं।

उन्होंने कहा कि बीजेपी को अपने सहयोगियों के साथ मिलकर इन उपचुनावों पर चिंतन करना चाहिए। जो नाराज़ सहयोगी हैं, उनकी नाराज़गी को दूर करना चाहिए, नहीं तो 2019 में दिक्कत आएगी।

लोक जनशक्ति पार्टी के बाद बीजेपी के सहयोगी अकाली दल ने भी सहयोगी दलों की राय न लिए जाने के लिए बीजेपी को कटघरे में खड़ा किया है। अकाली दल के सांसद नरेश गुजराल ने कहा कि ये बात ध्यान में रखनी चाहिए की 2019 में किसी एक की दल की पूर्ण बहुमत की सरकार नहीं बनेगी।

गुजराल ने कहा कि वो टीडीपी की मांग आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाए, उससे सहमत हैं। उन्होंने ये भी कहा, ‘मैं पिछले तीन साल से कह रहा हूं कि ये एनडीए पिछले एनडीए जैसा काम नहीं कर रहा है। अटल जी की कुछ और ही बात थी।’

नरेश गुजराल ने आगे कहा, ‘मेरा मानना है, समय आ गया है कि साथी दलों को अहमियत दी जाए। बीजेपी को सभी साथी दलों का, चाहे छोटा दल हो या बड़ा, सबका सम्मान करना चाहिए और उनकी बातों को सुनना चाहिए क्योंकि सबकी अपनी-अपनी राजनीतिक मजबूरियां और जरूरत हैं। अगर ऐसा नहीं होगा तो 2019 में एनडीए को इसका नुकसान होगा।

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TeamDigital