एनडीए में भगदड़: अब बीजेपी के सबसे पुराने सहयोगी ने दिखाई आँखें
नई दिल्ली। 2019 के लोकसभा चुनाव आते आते एनडीए के कई सहयोगी दल गठबंधन का साथ छोड़ चुके हैं। तेलगुदेशम पार्टी, असमगण परिषद, गोरखा जममुक्ति मोर्चा और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा सहित कई दलो द्वारा एनडीए को अलविदा कहे जाने के बाद अब पंजाब में बीजेपी के सबसे पुराने सहयोगी अकाली दल ने भी अपने कड़े तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं।
अकाली दल ने गुरुद्वारा मामले में दखलअंदाजी को लेकर अल्टीमेटम दिया है और कहा कि बीजेपी ने अगर तख्त, गुरुद्वारा मामले में दखलंदाजी बंद नहीं की तो गठबंधन हमारे लिए मायने नहीं रखेगा।
एनडीटीवी के मुताबिक शिरोमणि अकाली दल के महासचिव मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि हमारे लिए गठबंधन अहम नहीं है। हमारे लिए कुर्सियां इंपॉर्टेंट नहीं हैं, सांसद विधायक व मंत्री बनना भी जरूरी नहीं हैं। हमारे लिए अपने गुरु घर जरूरी हैं। अगर बीजेपी की गुरुद्वारों के अंदर दखलंदाजी बंद नहीं होगी तो हम किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि एक सिख के लिए उसके पवित्र स्थान गुरुद्वारे सबसे ऊपर हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार इलेक्शन की बजाय बैक डोर के माध्यम से सिलेक्शन से अपना प्रधान थोपना चाहती है। हमारे लिए अलायंस मायने नहीं रखता। गुरुद्वारे का प्रधान कौन बनेगा यह हक सिखों का है, सरकार का नहीं।
सिरसा ने दो टूंक शब्दों में कहा कि अगर किसी ने इस हक को लेने की कोशिश की तो हम सरकार की ईंट से ईट बजा देंगे। जब कोई नहीं था तब हम बीजेपी के साथ थे, आज जब सब हैं तो बीजेपी को हमारी जरूरत नहीं।
गौरतलब है कि पंजाब में बीजेपी का सहयोगी अकाली दल गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के चुनाव में बीजेपी की तरफ से किये जा रहे हस्तक्षेप से खफा है। अकालीदल नेताओं का आरोप है कि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव को केंद्र सरकार के इशारो पर प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है।