2019 से पहले मची एनडीए में भगदड़, अब इस पार्टी ने फूंका बिगुल
नई दिल्ली। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावो में अभी समय बाकी है लेकिन बीजेपी से नाराज़ उसके सहयोगी दलों में भगदड़ मच गयी है। पहले शिवसेना ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव बिना बीजेपी के सहयोग के लड़ने का एलान किया।
शिवसेना के बाद हाल ही में आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ तेलगु देशम पार्टी के प्रमुख और सीएम चंद्रबाबू नायडू ने राज्य में बीजेपी नेताओं द्वारा सरकार की आलोचना किये जाने को मुद्दा बनाते हुए अलग राह पर चलने का सन्देश बीजेपी को दिया था।
एनडीए में मची भगदड़ यहीं नही थमी है। अब उत्तर प्रदेश में योगी सरकार में सहयोगी सुहेलदेव समाज पार्टी के अध्यक्ष और राज्य के पिछड़ा कल्याण मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने बगावत का बिगुल फूंक दिया है।
राजभर ने आज बीजेपी के रवैये की आलोचना करते हुए कहा कि अगर सरकार में अगर उनकी सुनी नहीं जाती तो फिर 2019 के चुनाव में रास्ते अलग हो जाएंगे।
यूपी सरकार में साझीदार भारतीय सुहेलदेव समाज पार्टी के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर भी बीजेपी से खुश नहीं हैं। ओम प्रकाश राजभर ने कल वाराणसी में बड़ी रैली करके न सिर्फ अपनी ताकत का एहसास कराया बल्कि ये भी साफ कर दिया कि 2019 की डगर बीजेपी के लिए आसान नहीं रहने वाली है।
वहीँ सूत्रों की माने तो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी बीजेपी के रवैये से खुश नहीं हैं और 2019 में यदि उनकी पार्टी को लोकसभा की पर्याप्त सीटें नहीं मिलीं तो वे भी एनडीए को तिलांजलि देकर अलग राह पकड़ सकते हैं।
इस बीच आरजेडी के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने दावा किया कि राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाह और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी लालू प्रसाद की पार्टी के साथ हाथ मिलाने की योजना बना रहे हैं। इसने बिहार के राजनीतिक गलियारों में आज हलचल पैदा कर दी है। गौरतलब है कि उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी एनडीए में शामिल है और उपेंद्र कुशवाहा मोदी सरकार में राज्य मंत्री हैं।
सूत्रों की माने तो महंगाई, किसानो की दुर्दशा और बेरोज़गारी के मुद्दे पर एनडीए के कई सहयोगी दल मोदी सरकार से नाराज़ चल रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक बजट सत्र के बाद एनडीए के कई और सहयोगी बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल सकते हैं।