एनएसए अजीत डोभाल के बेटे पर कांग्रेस ने लगाए गंभीर आरोप, सीबीआई जांच की मांग
नई दिल्ली। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बेटे विवेक डोभाल पर कांग्रेस ने गंभीर आरोप लगाते हुए सीबीआई जांच की मांग की है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने विवेक डोभाल की कंपनी को डी कंपनी बताते हुए आशंका जताई कि नोटबंदी और टैक्स हैवन के जरिए भारत में पैसा आने के बीच जरूर कोई संबध है जिसकी जांच की जानी चाहिए और इसके लिए अजीत डोभाल को सफाई देनी चाहिए।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, ‘एक अंग्रेजी मैगजीन ने खुलासा किया था कि 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नोटबंदी की घोषणा के 13 दिन बाद यानी 21 नवंबर 2016 को अजीत डोभाल के बेटे विवेक डोभाल ने टैक्स हैवन केमैन आईलैंड में जीएनवाई एशिया फंड नाम की हेज फंड कंपनी का पंजीकरण कराया।’
केमैन आईलैंड टैक्स हैवन के रूप में जाना जाता है। विवेक डोभाल का यह व्यवसाय उनके भाई और शौर्य डोभाल के व्यवसाय से जुड़ा है। कंपनी के पंजीकरण के बाद केमैन आईलैंड से भारत में विदेशी निवेश के तौर पर सबसे अधिक पैसा आया।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘साल 2000 से 2017 तक 17 सालों में केमैन आईलैंड से 8300 करोड़ का एफडीआई आता है लेकिन अप्रैल 2017 से मार्च 2018 में केवल एक साल में केमैन आईलैंड से 8300 करोड़ रुपया आया यानी जो एफडीआई केमैन आईलैंड से 17 साल में आता है, करीब उतना पैसा एक साल में केमैन आईलैंड से आया।’
पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने भारतीय रिजर्व बैंक से मांग की है कि वह इस बात का विवरण प्रकाशित करे कि एक साल में केमैन आईलैंड से जो पैसा आया वो कौन लेकर आया?
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘सुरक्षा सलाहकार डोभाल मोदी सरकार के शासन की त्रिमूर्ति हैं। 2011 भारतीय जनता पार्टी ने काले धन, गुप्त बैंकों और टैक्स हैवन पर एक समिति का गठन किया था। जिसमें अजीत डोभाल ने एक रिपोर्ट लिखी थी कि टैक्स चोरी के अड्डों पर कार्रवाई होनी चाहिए।’
जयराम रमेश ने कहा कि जीएनवाई एशिया के 2 निदेशक हैं, एक तो विवेक डोभाल और दूसरा डॉन डब्लू ईबैंक्स। ईबैंक्स का नाम पैराडाइज पेपर्स में सामने आ चुका है। अजीत डोभाल के दोनों बेटे जीएनवाई एशिया के जाल में फंसे हुए हैं और यह बिल्कुल डी-कंपनी की तरह है।
जयराम रमेश ने कहा, ‘जो पैसा 17 साल में आया उतना 12 महीने में आया और वो भी नोटबंदी और जीएनवाई एशिया फंड की स्थापना के बाद। नोटबंदी और टैक्स हैवन से पैसा आना, दोनों के बीच कुछ न कुछ ताल्लुकात है, इसकी जांच होनी चाहिए। हम मांग करते हैं कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार आत्मचिंतन करें और अपनी ही रिपोर्ट को निकालें और उसे लागू करें।’