एक्शन में कमलनाथ, शिवराज सरकार में हुए ई टेन्डरिंग घोटाले पर जांच में तेजी
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भोपाल ब्यूरो। मध्य प्रदेश में नई सरकार बनते ही पिछली सरकार के कामकाज की फाइलें टटोलने का काम भी शुरू हो गया है। इसी क्रम में शिवराज सरकार के कार्यकाल में हुए व्यापम और ई टेंडरिंग घोटाले की फाइलें भी टटोलने का कामकाज शुरू हो गया है।
ई टेंडरिंग घोटाले को लेकर कांग्रेस आरोप लगाती रही है कि यह घोटाला करीब 40 हज़ार करोड़ से अधिक का है। वहीँ बीजेपी खुद को पाक दामन बताती रही है। सूत्रों की माने तो मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ई टेंडरिंग घोटाले मामले में जांच में तेजी लाने के निदेश दिए हैं।
वहीँ कहा जा रहा है कि कमलनाथ ने मुख्यमंत्री बनते ही व्यापम घोटाले पर पूरी रिपोर्ट और स्टेटस माँगा है। गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने व्यापम घोटाले पर निष्पक्ष और जांच का दायरा बढ़ाने के संकेत दिए थे।
समझा जाता है कि शिवराज सरकार में हुए व्यापम घोटाले को लेकर कांग्रेस की नई सरकार नए सिरे से समीक्षा करा सकती है। कमलनाथ ने पद सँभालते ही प्रशासनिक फेर बदल को भी अंजाम देना शुरू कर दिया है। इससे लगता है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ अपने एक्शन मोड में आ चुके हैं और अगले कुछ महीनो में कुछ बड़े फैसले भी ले सकते हैं।
हालाँकि अभी मंत्रियों के विभागों का बंटवारा बाकी है, इसके बावजूद कमलनाथ अपने कार्यालय से जुड़े कामो को पूरी तरजीह दे रहे हैं। देखना है कि केबिनेट गठन होने के बाद गृह तथा वित्त जैसे अहम मंत्रालय कमलनाथ स्वयं के पास रखते हैं अथवा अहम मंत्रालयों की ज़िम्मेदारी भी किसी मंत्री को देते हैं।