एएमयू हिंसा मामले में मुख्य आरोपी जोरेज गिरफ्तार
अलीगढ़ । एएमयू में 23 अप्रैल की रात हुए बवाल के लिए जिम्मेदार माने जा रहे जोरेज को गिरफ्तार कर लिया गया है। बृहस्पतिवार तड़के पुलिस की एसआईटी ने उसे धौर्रा इलाके से गिरफ्तार किया है। दिनभर की पूछताछ के बाद उसे मोहिसन व उसके भाई संग लूट, उसके कमरे में आग, हमला, फायरिंग आदि चार मुकदमों में जेल भेज दिया गया।
बता दें कि इस गिरफ्तारी से पुलिस टीमें बड़ी राहत में हैं और जोरेज ने 2011 में एएमयू छात्र संघ का चुनाव भी लड़ा था। जोरेज मूल रूप से अमरोहा का रहने वाला है। उसकी पत्नी एएमयू में कार्यरत है और वह खुद पीएचडी का छात्र है। 2011 में एएमयू छात्रसंघ का चुनाव लड़ने के बाद से वह एएमयू की राजनीति में सक्रिय हो गया था। उस दौरान जोरेज पर हमला भी हुआ था।
इसके बाद उस पर कई बार एएमयू में छात्रों पर हमलों के आरोप भी लगे। मगर साक्ष्यों के अभाव में हर बार वह बच गया। इस पर 23 मार्च को मोहसिन से मारपीट, उसके कमरे में हमला, आगजनी, लूट, प्रॉक्टर कार्यालय में फायरिंग, आगजनी आदि में सीसीटीवी में कैद होने और इस बवाल के दौरान दो हत्याओं व आगजनी ने उसके बचने के रास्ते बंद कर दिए।
माना जा रहा है कि वह शहर में अपनी पैरवी के इरादे से ही रुका हुआ था। इसी बीच एसआईटी को उसकी लोकेशन मिल गई और तड़के उसे दबोच लिया गया। सीओ तृतीय राजीव सिंह ने जोरेज की गिरफ्तारी की पुष्टि की है और बताया कि उसे मोहसिन, उसके भाई की ओर से दर्ज लूट, हमला, आगजनी के मुकदमों सहित चार मुकदमों में न्यायालय में पेश किया गया। जहां एसीजेएम न्यायालय ने उसे रिमांड पर जेल भेज दिया।
पूछताछ में जोरेज ने नकारी फायरिंग, साधी चुप्पी
गिरफ्तारी के बाद जब जोरेज से पूछताछ हुई तो उसने बताया कि वह मोहसिन द्वारा प्राक्टर कार्यालय में दी गई तहरीर के विपक्ष में अपनी शिकायत दर्ज कराने अपने कुछ साथियों सहित गया था। बातचीत चल रही थी, तभी कुछ लोगों ने फायरिंग कर दी। मगर वह कौन थे, वह खुद नहीं जानता। जब उससे सीसीटीवी के साक्ष्यों पर चर्चा हुई तो उसने चुप्पी साध ली।
जोरेज को दुपहर में पहले सीजेएम न्यायालय में पेश किया गया, मगर सीजेएम के न होने के कारण लिंक एसीजेएम न्यायालय में पेश किया गया। जहां रिमांड पर लेकर उसे जेल भेज दिया गया। इस दौरान अधिवक्ताओं की ओर से जमानत याचिका दायर की गई। मगर अदालत ने उसकी जमानत खारिज कर दी। अब इस मामले में शुक्रवार को सत्र न्यायालय में जमानत दायर की जा सकती है।