एएमयू शिक्षको और आरएसएस के बीच पक रही खिचड़ी, संघ को बता रहे देशभक्त संगठन

नई दिल्ली । क्या संघ (आरएसएस) अपने हिन्दुत्ववादी चेहरे को बदलने की कोशिश कर रहा है या किसी नई रणनीति के तहत वह मुसलमानो में ऐसे सन्देश दे रहा है जिससे लगे कि संघ मुसलमानो का विरोधी नही है । अभी हाल ही में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेताओं और मुस्लिम बुद्धिजीवियों की दिल्ली में हुई बैठक में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के कुछ पूर्व शिक्षक तथा कुछ वर्तमान शिक्षको ने भाग लिया । हालाँकि यह पहला मौका नहीं है, अभी कुछ दिन पहले अलीगढ में आयोजित संघ के कार्यक्रम में एएमयू के कई शिक्षक शामिल हुए थे । बड़ा सवाल यह है कि आखिर संघ ने एएमयू को ही क्यों चुना ?

इन शिक्षको ने बताया कि आरएसएस के नेताओं ने 2002 के गुजरात दंगों को “शर्मनाक” बताया। टाइम्स ऑफ इंडिया कि रिपोर्ट के अनुसार आरएसएस नेताओं ने मुस्लिम बुद्धिजीवियों से कहा कि गुजरात दंगे जैसी घटनाएं “दोबारा नहीं होनी चाहिए।” रिपोर्ट के अनुसार ये बैठक तीन नवंबर को दिल्ली के पूसा एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट के अंतरराष्ट्रीय सभागार में हुई थी। बैठक का मकसद “मुस्लिम समुदाय में संघ के बारे में पैठी गहरी भ्रांतियों को दूर करना था।”

एएमयू में धर्मशास्त्र के एसोसिएट प्रोफेसर मुफ्ती जाहिद चार अन्य प्रोफेसरों के साथ इस बैठक में शामिल हुए थे। उन्होंने अखबार को बताया कि बैठक में जवाहरलाल नेहरू (जेएनयू) समेत विभिन्न विश्वविद्यालयों के 100 से ज्यादा मुस्लिम बुद्धिजीवी शामिल हुए।

ज़ाहिद ने अख़बार को बताया, “मैंने 2002 के गुजारत दंगे का मुद्दा उठाया और कहा कि वहां जो हुआ उसे मुसलमान कभी नहीं भूल सकेगा। इस पर जवाब देते हुए आरएसएस के सह सरकार्यवाह (संयुक्त महासचिव) कृष्ण गोपाल शर्मा ने कहा कि वो घटना शर्मनाक थी और ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होनी चाहिए।”

आरएसएस से जुड़े नेता इंद्रेश कुमार ने बैठक के बारे जानकारी देते हुए मीडिया से कहा कि पांच घंटे तक चली बैठक में कई महत्वपूर्ण और विवादित मुद्दों पर चर्चा हुई थी। आरएसएस समर्थित मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के शाहिद अख्तर ने टीओआई के बताया, “बैठक के दौरान सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल ने कहा कि गुजरात जैसे हादसे दोबारा न हों इसके लिए संवाद होते रहना जरूरी है।”

बता दें कि पिछले दिनों अलीगढ में संघ के एक कार्यक्रम में भी कुछ एएमयू के पूर्व शिक्षक शामिल हुए थे । उन्होंने कहा था कि संघ के बारे में मुसलमानो की सोच गलत है। संघ तो देश प्रेम और विकास की बातें करता है ।

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TeamDigital