एएमयू वाइस चांसलर ने स्वीकारा ‘स्‍मृति ईरानी ने सबके सामने मुझे मीटिंग से निकाल दिया था’

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नई दिल्ली । अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के वाइस चांसलर लेफ्टिनेंट जनरल(रिटायर्ड) जमीरुद्दीन शाह ने स्वीकार किया है कि तत्कालीन एचआरडी मिनिस्टर स्मृति ईरानी ने उनका अपमान किया था तथा उन्हें सबके सामने मीटिंग से निकाल दिया था । शाह ने कहा कि मुझे लगता है कि उन्‍हें वाइस चांसलर्स को उनकी उम्र व अनुभव देखते हुए और सम्‍मान देना चाहिए था।” उन्‍होंने बताया कि उन्‍हें भी ईरानी का गुस्‍सा झेलना पड़ा था।

जनसत्ता में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार आठ जनवरी को स्‍मृति ईरानी ने केरल के पूर्व सीएम ओमन चांडी और लोकसभा सांसद ईटी मोहम्‍मद बशीर से मीटिंग के दौरान शाह को बाहर जाने को कहा था। एएमयू के केरल के मल्‍लापुरम कैंपस की फंडिंग को लेकर यह मीटिंग बुलाई गई थी। जब वीसी जमीरुद्दीन शाह कमरे में आए तो ईरानी ने उनसे कहा कि आपको नहीं बुलाया गया।

इस घटना की शाह ने पुष्टि की और कहा, ”केरल सीएम के साथ जाने वाले डेलीगेशन का मैं सदस्‍य था। वह नहीं चाहती थीं कि मैं इसमें हिस्‍सा लूं। जिस तरह से उन्‍होंने मुझसे व्‍यवहार किया… बाद में मैंने उनसे कहा कि मैं इसकी प्रशंसा नहीं करता। लेकिन वह मामला अब खत्‍म हो चुका है।”

रिपोर्ट के अनुसार शाह ने उन अफवाहों की भी पुष्टि की जिसमें कहा गया था कि उन्‍हें कई बार प्रयास करने के बाद भी स्‍मृति ईरानी ने मिलने का मौका नहीं दिया। वे लगभग एक साल तक कोशिश करते रहे। वीसी ने कहा, ”यह सच है कि मुझे एक साल तक उनसे मिलने का मौका नहीं मिला और प्रधानमंत्री से मिलने के बाद ही मुझे बुलाया गया। उनसे पहले के सभी शिक्षा मंत्री मिलनसार थे। मैंने उनसे आखिरी मीटिंग में भी इस बात का जिक्र किया था लेकिन उन्‍होंने मुझे मिलने में देरी का कारण नहीं बताया।”

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