ऊना मामला : दलितों ने नही शेर ने मारी थी गाय!
अहमदाबाद । गुजरात के ऊना में हुई दलितों की पिटाई मामले में अब नया मोड़ आ गया है । इस केस की जांच कर रही गुजरात सीआईडी का कहना है कि गाय को दलित परिवार ने नहीं बल्कि एक शेर ने मारा था। यह बात एक चश्मदीद गवाह के बयान को आधार बनाकर कही गई है।
इससे पहले तक गऊ रक्षक आरोप लगा रहे थे कि दलित परिवार ने ही गाय की जान ली थी। हालांकि, सीआईडी को अबतक यह पता नहीं चला है कि गऊ रक्षकों को इस बात की जानकारी किसने दी थी कि बालूभाई का परिवार ऊना में कहां पर गाय की चमड़ी निकाल रहा है।
अंग्रेजी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार बालू सावरिया ने भी इस बात की जानकारी दी थी कि उन्होंने गाय को मारा नहीं था। उन्होंने बताया था कि उन्हें सुबह 8 बजे के करीब नाजाभाई अहीर जो कि बेदिया गांव में रहते हैं उनके यहां से कॉल आया था। नाजाभाई ने उनसे कहा था कि उनकी गाय को शेर ने मार दिया है और उन्हें शव को हटाने के लिए मदद चाहिए।
चमड़ी निकालते हुए हुई पिटाई: बालू ने बताया कि उन्होंने वासाराम, उसके भाई रमेश, चचेरे भाई अशोक और रिश्तेदार बेचारभाई को गाय का शव लेने के लिए भेजा था। वे लोग अपने गांव से 2 किलोमीटर दूर चमड़ी निकाल रहे थे। तब एक सफेद रंग की गाड़ी वहां से गुजरी और फिर वह दोबारा घूमकर आई। इसबार उसके साथ मोटरसाइलें भी थीं। जिनपर 30-35 लोग सवार थे। बालू के मुताबिक, उन लोगों ने गालियां देनी शुरू कर दी और फिर साथ लाई लाठियों से वासाराम और बाकी लोगों की पिटाई की। उन लोगों ने ही वीडियो भी बनाया था।