उत्तराखंड मामला : केंद्र ने हाईकोर्ट के फैसले पर उठाये सवाल, सुप्रीमकोर्ट में याचिका दाखिल

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नई दिल्ली । केंद्र ने उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन हटाए जाने के हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए आज सुप्रीमकोर्ट में याचिका दायर की । सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में केंद्र सरकार ने नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले पर सवाल उठाए हैं।

केंद्र द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि नैनीताल हाईकोर्ट का आदेश सही नहीं है और उसे राष्ट्रपति शासन पर सुनवाई का अधिकार नहीं है जोकि मंत्रिमंडल की सलाह और तथ्यों पर लिया गया। हाईकोर्ट कहता है कि भ्रष्टाचार सहा नहीं जाएगा, लेकिन उसने यह आदेश जारी कर याचिकाकर्ता को राहत दी जिस पर स्टिंग ऑपरेशन में हार्स ट्रेडिंग और घूस के आरोप लगे हैं।

केंद्र ने दलील दी है कि सुप्रीम कोर्ट के बोम्मई जजमेंट के आधार पर हाईकोर्ट के पास राष्ट्रपति शासन पर सुनवाई के लिए सीमित अधिकार हैं, हाईकोर्ट ने इस मामले में अपने अधिकार से बाहर आदेश दिया है, वह राष्ट्रपति के संतुष्ट होने पर फैसला नहीं कर सकता साथ ही हाईकोर्ट मंत्रीमंडल की राष्ट्रपति शासन लगाने की सलाह की सत्यतता और वैद्यता पर सुनवाई नहीं कर सकता तथा हाईकोर्ट ने 21 अप्रैल को आदेश सुनाया लेकिन लिखित आदेश नहीं दिया

केंद्र ने आरोप लगाया है कि हाईकोर्ट ने राज्य में राष्ट्रपति शासन हटाने का फैसला हरीश रावत के गलत और छुपाए हुए तथ्यों के आधार पर दिया है, जो गलत है । हाईकोर्ट का यह कहना भी गलत है कि बजट बिल पास नहीं होने पर सरकार नहीं गिरती बल्कि सरकार को इस्तीफा देना होता है।

केंद्र ने कहा कि कानून के मुताबिक, बजट बिल के फेल होते ही सरकार गिर जाती है। केंद्र की याचिका में यह भी दलील दी गई है कि हाईकोर्ट ने विधायको की खरीद फरोख्त की स्टिंग पर गौर नहीं किया जबकि यह एक बड़ा आधार है।

सुप्रीम कोर्ट आज हाईकोर्ट के फैसले पर स्टे लगाकर दूसरे पक्ष को नोटिस जारी कर सुनवाई की तारीख दे सकता है। सूत्रों के मुताबिक, यह सुनवाई सोमवार या बाद में हो सकती है। अभी तक नैनीताल हाईकोर्ट का लिखित आदेश नहीं आया है। सोमवार को आने की संभावना है। वहीँ मुख्य्मंत्री हरीश रावत ने राष्ट्रपति शासन हटाए जाने के हाईकोर्ट के आदेश के बाद रात 9 बजे कैबिनेट बैठक बुलाकर कई अहम फैसले लिए हैं।

बता दें कि उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने गुरुवार को फिर सख़्त टिप्पणी की। कोर्ट ने पूछा, ‘क्या इस केस में सरकार प्राइवेट पार्टी है? जजों ने पूछा, ‘यदि कल आप राष्ट्रपति शासन हटा लेते हैं और किसी को भी सरकार बनाने के लिए आमंत्रित कर देते हैं, तो यह न्याय का मजाक उड़ाना होगा। क्या केंद्र सरकार कोई प्राइवेट पार्टी है?’

नैनीताल हाई कोर्ट की डबल बेंच में चल रही सुनवाई में चीफ़ जस्टिस के एम जोसेफ़ ने केंद्र के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का पक्ष सुनने के दौरान कई सवाल किए। इस मामले के साथ चल रहे 9 बागी विधायकों के मामले में उनके वकील दिनेश द्विवेदी ने कहा कि यह समस्या कांग्रेस से नहीं बल्कि हरीश रावत और स्पीकर के साथ जुड़ी है, क्योंकि सभी 9 विधायक सदस्यता खत्म करने के बावजूद आज भी कांग्रेस के सदस्य हैं।

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