ईवीएम हैकिंग: बीजेपी के सवालो पर कांग्रेस का पलटवार, कहा ‘पूरा मामला बेहद गंभीर’

नई दिल्ली। लंदन में भारतीय मूल के अमेरिकी साइबर एक्सपर्ट द्वारा 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी द्वारा ईवीएम हैकिंग के खुलासे के बाद बीजेपी ने हैकथॉन कार्यक्रम में कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल की मौजूदगी पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस का प्रायोजित प्रोपेगंडा बताया था।
बीजेपी के आरोपों पर कांग्रेस ने आज पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने साइबर विशेषज्ञ सैयद शुजा द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस में किए गए ईवीएम हैक किये जाने के खुलासे और 11 लोगों की हत्या के आरोप पर कहा कि यह मामला बेहद गंभीर है।
कपिल सिब्बल ने कहा कि ये लोकतंत्र का सवाल है, सबकी जिम्मेदारी है कि सच्चाई का पता किया जाए। यदि साइवर एक्पसर्ट द्वारा किये गए खुलासे गलत है तो उसके खिलाफ कार्रवाई हो लेकिन यदि सच है तो पूरा मामला बेहद गंभीर है।
कपिल सिब्बल ने भारत वापस आने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर कहा कि ‘मैं यह प्रेस कॉन्फ्रेंस इसलिए कर रहा हूं क्योंकि केंद्रीय मंत्री ने मुझ पर आरोप लगाए हैं। यह मुद्दा एक राजनीतिक दल से जुड़ा हुआ नहीं है, यह मुद्दा लोकतंत्र के बारे में है, निष्पक्ष चुनाव के बारे में है।’
उन्होंने कहा कि आशीष रे ने बताया कि उन्होंने सभी दलों और चुनाव आयोग को भी न्यौता भेजा है। मुझे व्यक्तिगत काम से लंदन जाना था, इसलिए मैं प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी चला गया। उन्होंने कहा कि रे ने कुछ कागज मुझे मेल किए, जो सैयद ने उन्हें भेजे थे।
सिब्बल ने कहा कि जानकारी के मुताबिक ECIL के लिए विंड सॉल्यूशन कम्पनी के तहत ईवीएम प्रोजेक्ट के लिए काम चल रहा था। प्रोजेक्ट MS7b में 14 लोग काम कर रहे थे। 13 मई को बीजेपी विधायक कृष्ण रेड्डी के हैदराबाद के एक गेस्ट हाउस में 14 में से 11 लोगों की हत्या कर दी गई। वहां कृष्ण रेड्डी भी थे। सैयद 15 मई को अमेरिका चला गया। वहां हिरासत में हॉस्पिटल में रहा। विंड सॉल्यूशन के मालिक और उसका पता भी सैयद ने बताया।
कपिल सिब्बल ने कहा कि सिब्बल के कारण तो सैयद को अमेरिका का असायलम नहीं मिला! कांग्रेस ने इसमें क्या किया? केंद्रीय मंत्री के आरोप हास्यास्पद हैं। ये लोकतंत्र का सवाल है, सबकी जिम्मेदारी है कि सच्चाई का पता किया जाए। आरोप गलत हैं तो लगाने वाले के खिलाफ कार्रवाई हो. सच हैं तो मामला बेहद गंभीर है।