ईवीएम छेड़छाड़: सुप्रीम कोर्ट ने मांगा चुनाव आयोग से जवाब

ईवीएम छेड़छाड़: सुप्रीम कोर्ट ने मांगा चुनाव आयोग से जवाब

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से वर्ष 2017 के शुरू में संपन्न विधान सभाओं के चुनाव में ईवीएम के साथ छेड़छाड़ के आरोपों की जांच के लिए दायर याचिका पर दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल किया जाए।

सोमवार को प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर और न्यायमूर्ति धनंजय वाई चन्द्रचूड़ की पीठ को निर्वाचन आयोग के वकील ने सूचित किया कि बसपा की नेता मायावती सहित कुछ राजनीतिक दलों ने भी इसी तरह की याचिकाएं दायर की हैं और वे न्यायालय की एक अन्य पीठ के समक्ष लंबित हैं।

आयोग ने कहा कि उन याचिकाओं पर पहले ही नोटिस जारीहो चुके हैं और वह न्यायमूर्ति जे चेलामेश्वर की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष लंबित हैं। इसलिए इस याचिका को भी उसके साथ ही संलग्न कर देना चाहिए। मामले में याचिकाकर्ता के वकील मनोहर लाल शर्मा ने आयोग की दलील का विरोध किया और कहा कि उनकी जनहित याचिका दूसरे विषय के बारे में है और कोई भी राजनीतिक दल जनहित याचिका के माध्यम से न्यायालय में नहीं आ सकता है।

उन्होंने कहा, ‘मेरा मामला पूरी तरह से भिन्न है। आयोग के वकील न्यायालय को गुमराह कर रहे हैं। वे याचिकाएं राजनीतिक दलों ने दायर की हैं। राजनीतिक दलों ने कैसे जनहित याचिका दायर की।’ इस पर पीठ ने कहा, ‘चुनौती वाले मामले की विषय वस्तु इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें हैं। आप कहते हैं कि ईवीएम ठीक नहीं हैं। यह एकदम वही बात है।’

शर्मा ने कहा कि दूसरी पीठ के समक्ष लंबित याचिका में भी भावी चुनावों में ईवीएम के साथ वीवीपीएटी के प्रयोग का अनुरोध किया गया है जबकि उन्होंने अपनी याचिका में ऐसा कोई मुद्दा नहीं उठाया है।

पीठ ने निर्वाचन आयोग को दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश देने के साथ ही याचिकाकर्ता को इसके बाद दो सप्ताह में प्रतिउत्तर दाखिल करने का आदेश दिया। न्यायालय ने पहले से ही लंबित मामले में इस याचिका को संलग्न करने का भी निर्देश दिया।

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TeamDigital