ईवीएम के खिलाफ 21अगस्त से शुरू होगा आंदोलन, सोनिया के बाद ममता से मिले राज ठाकरे

ईवीएम के खिलाफ 21अगस्त से शुरू  होगा आंदोलन, सोनिया के बाद ममता से मिले राज ठाकरे

कोलकाता। देश के तीन अहम राज्यों महाराष्ट्र, झारखंड और हरियाणा में होने जा रहे विधानसभा चुनावो से पहले ईवीएम को लेकर बड़े आंदोलन की तैयारियां शुरू हो गयी हैं।

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना(मनसे) के अध्यक्ष राजठाकरे ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात कर इस बात के संकेत दिए हैं। इससे पहले राज ठाकरे ने यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी से अपनी मुलाकात के दौरान भी ईवीएम को लेकर सवाल खड़े किये थे।

राज ठाकरे का कहना था कि ईवीएम के खिलाफ उनकी पार्टी बड़ी लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है और वे चाहते हैं कि इस आंदोलन में कांग्रेस भी उसके साथ कह खड़ी रहे।

अब राज ठाकरे ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाक़ात की है। ममता बनर्जी पहले ही ईवीएम के खिलाफ आंदोलन छेड़ने का एलान कर चुकी हैं।

राज्य सचिवालय नबान्न में हुई इस बैठक के बाद राज ठाकरे ने कहा कि विश्व के किसी भी विकसित देश में इवीएम का इस्तेमाल नहीं होता. देश में लोकतंत्र लौटाने के लिए उनका यह आंदोलन है। उन्होंने कहा कि देश में इवीएम और वीवीपैट के खिलाफ माहौल बन रहा है. दुनिया में इसका इस्तेमाल कहीं नहीं हो रहा।

भारत में भी भविष्य में होने वाले चुनाव में वह इवीएम के बदले बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं। ठाकरे ने बताया कि न केवल ममता बनर्जी बल्कि इससे पहले इस विषय पर वह यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी से भी मुलाकात कर चुके हैं। वह भी उनके साथ हैं। दूसरे विरोधी नेताओं के साथ मिलकर वह इस आंदोलन में साथ आने के लिए आग्रह करेंगे।

आगामी 21 अगस्त को वह महाराष्ट्र में एक मोर्चा निकालेंगे। देश के जो भी विपक्षी नेता हैं उन्हें इसमें शामिल कराने की वह कोशिश करेंगे। इवीएम के खिलाफ अदालत जाने की संभावना के संबंध में पूछे जाने पर राज ठाकरे ने कहा कि उन्हें हाइकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट या चुनाव आयोग से कोई उम्मीद नहीं है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि चुनाव से पहले ही यदि भाजपा कह देती है कि उसे कितनी सीटें मिलेंगी तो इवीएम से चुनाव की पद्धति पर सवाल उठते हैं। जिन लोगों ने इवीएम का आविष्कार किया वह भी अब इसका इस्तेमाल नहीं करते फिर भारत में इसका इस्तेमाल क्यों हो?

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज ठाकरे ने 21 अगस्त के अपने आंदोलन के कार्यक्रम में उन्हें भी आमंत्रित किया है। हालांकि कार्यक्रम में शामिल होने के संबंध में वह सरकारी कार्यक्रमों को देख कर तय करेंगी।

केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए उनका कहना था कि यह सरकार सत्ता में आने के पहले ही दिन से लोकतंत्र विरोधी कार्य कर रही है। स्वायत्त संस्थानों को अपने इशारे पर चलाने के साथ वह ‘हॉर्स ट्रेडिंग’ में लिप्त है। यहां तक कि उद्योग जगत को भी नहीं बख्शा जा रहा है। यह देश के लिए खतरे की निशानी है। भाजपा बाकी सभी पार्टियों को तोड़ने की कोशिश में जुटी है।

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TeamDigital