इस बार दो सीटों से चुनाव लड़ेंगे राहुल गांधी, अमेठी के अलावा ये होगी दूसरी सीट
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पहली बार दो लोकसभा सीटों से चुनाव लड़ेंगे। वे उत्तर प्रदेश के अमेठी के साथ केरल की वायनाड लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे।
हालाँकि यह कोई नई बात नहीं है कि कोई बड़ा नेता लोकसभा सीटों से चुनाव लड़ रहा है। 2014 के लोकसभा चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी ने भी उत्तर प्रदेश की वाराणसी और गुजरात की वड़ोदरा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था।
इसका एलान करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी और प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि दक्षिण भारत के पार्टी कार्यकर्ता राहुल गांधी से लगातार वायनाड सीट से चुनाव लड़ने की मांग कर रहे थे। राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं की मांग को स्वीकार कर लिया है। अब वह अमेठी के अलावा केरल की वायनाड सीट से चुनाव लड़ेंगे।
उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत की परंपराओं पर मोदी सरकार की ओर से हमला किया जा रहा है। राहुल गांधी इस सीट से चुनाव लड़कर तीन राज्यों केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक का प्रतिनिधित्व करेंगे।
दो सीट से चुनाव लड़ने के क्या हैं मायने:
राहुल गांधी के दो लोकसभा सीटों से चुनाव लड़ने के पीछे बड़ा राजनैतिक बताया जा रहा है। राहुल के गांधी उत्तर प्रदेश की अमेठी के अलावा केरल की वायनाड सीट से चुनाव लड़ने के कई राजनैतिक मायने हैं।
राहुल गांधी केरल की जिस सीट से चुनाव लड़ेंगे वह तमिलनाडु और कर्नाटक की सीमा से जुडी है। ऐसे में केरल की वायनाड सीट से राहुल गांधी के चुनाव लड़ने का मतलब है कि केरल के अलावा पड़ौसी राज्य आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में कांग्रेस का एक बड़ा सकारत्मक सन्देश जाएगा। जिससे कम से कम 10 से 15 सीटों पर असर पड़ेगा।
अमेठी नहीं छोड़ेंगे राहुल:
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि राहुल जी ने अनेको बार कहा है कि अमेठी उनकी कर्मभूमि है। अमेठी से उनका रिश्ता परिवार के सदस्य का है। इसलिए अमेठी को छोड़ नहीं सकते।
बीजेपी प्रत्याशी स्मृति ईरानी पर निशाना साधते हुए सुरजेवाला ने कहा कि इस बार वह हार का हैट्रिक लगाएंगी। पहले नई दिल्ली से हारीं, दूसरी बार अमेठी से और अब तीसरी बार भी अमेठी से चुनाव हारेंगी स्मृति ईरानी।